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Mohan Bhagwat : हम अहिंसा की बात करेंगे लेकिन हाथों में डंडा लेकर - RSS प्रमुख मोहन भागवत

Janjwar Desk
14 April 2022 11:54 AM IST
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Mohan Bhagwat : संघ प्रमुख ने कहा कि भारत लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है, इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे, उन्होंने कहा कि हम अहिंसा की ही बात करेंगे पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे....

Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने अखंड भारत (Akhand Bharat) को लेकर बयान दिया है। भागवत ने कहा है कि अगले पंद्रह सालों में देश अखंड भारत होगा जो भी इसके रास्ते में आएगा मिट जाएगा। मोहन भागवत ने कहा कि हम अहिंसा का पालन करेंगे लेकिन लाठी लेकर करेंगे।

संघ प्रमुख ने कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) है। पंद्रह साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा। हम सब हम अपनी आंखों से देखेंगे। उन्होंने कहा कि वैसे तो संतों की ओर से ज्योतिष के अनुसार 20 से 25 साल में भारत फिर से अखंड भारत होगा। यदि हम सब मिलकर इस कार्य की गति बढ़ाएंगे तो दस से पंद्रह साल में अखंड भारत बन जाएगा।

मोहन भागवत बुधवार को कनखल के सन्यास रोड स्थित श्रीकृष्ण निवास व पूर्णानंद आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानंद गिरी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और श्री गुरुत्रय मंदिर का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे थे।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत लगातार प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम अहिंसा की ही बात करेंगे पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे। हमारे मन में कोई द्वेष, शत्रुता का भाव नहीं है लेकिन दुनिया शक्ति की मानती है तो हम क्या करें।

भागवत ने आगे कहा कि जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली से गोवर्धन पर्वत उठ गया था, पर गोपालों ने सोचा कि उनकी लकड़ियों के बल पर गोवर्धन पर्वत रुका हुआ है। जब भगवान कृष्ण ने अंगुली हटाई तो पर्वत झुकने लगा। तब गोपालों को पता चला कि पर्वत तो भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली से रुका हुआ है। ऐसे ही लकड़ियां तो हम सब लगाएंगे, पर संतगणों के रूप में इस महान कार्य के लिए अंगुली लगेगी तो स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत बनाने में जल्द सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और भारत शब्द समान हैं लेकिन जब राज्य बदलता है तो राजा भी बदल जाता है।

भागवत ने कहा कि हमारी राष्ट्रीयता गंगा के प्रवाह की तरह कल-कल कर बह रही है। जब तक राष्ट्र है तब तक धर्म है। धर्म के प्रयास के उत्थान के लिए प्रयास होगा तो भारत का उत्थान होगा। एक हजार साल तक भारत में सनातन धर्म को समाप्त करने के प्रयास लगातार किए गए मगर वह मिट गए, पर हम और सनातन धर्म आज भी वहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां आर दुनिया के हर प्रकार के व्यक्ति की दुष्ट प्रवृत्ति समाप्त हो जाती है। वह भारत में आकर या तो ठीक हो जाता है या फिर मिट जाता है।

वही शिवसेना सांसद संजय राउत ने भागवत के अखंड भारत वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंद्रह साल का वादा मत कीजिए। पंद्रह सालों में नहीं पंद्रह दिनों में कर दीजिए लेकिन सबसे पहले पीओके को जोड़ना होगा पाकिस्तान को जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि किसी ने रोका नहीं है लेकिन पंद्रह साल का वादा मत करिए।

राउत ने कहा कि कश्मीरी पंडित भाईयों की घर वापसी सुरक्षित तरीके से होनी चाहिए। अखंड हिंदुस्तान का सपना कौन नहीं देखता है। वीर सावरकर को भारत रत्न दीजिए। आज ही देख रहा था कि जहां-जहां चुनाव आने वाला है दंगे भड़काए गए या हो रहे हैं।

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