लद्दाख: चीन के साथ बॉर्डर पर जारी टकराव के बीच अचानक लेह पहुंचे पीएम मोदी
जनज्वार। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंच गए हैं। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन ये बेनतीजा रही हैं। पूर्वी लद्दाख में अभी भी तनाव का माहौल है। भारत लगातार पुरानी स्थिति बहाल करने की बात कहता रहा है। लेकिन शातिर ड्रैगन ने अचानक से ही गलवान घाटी पर अपना हक़ जता दिया है और भारत कई बार कह चुका है कि वह उसका यह दावा अस्वीकार्य है।
मीडिया में आई ख़बरों और सैटेलाइट तसवीरों से यह साफ पता चल रहा है कि चीन लगातार सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहा है और वह गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो झील से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता।इस तरह की ख़बरें आ चुकी हैं कि चीन देपसांग, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग के इलाक़ों से पीछे हटने की पेशकश कर पेंगोंग त्सो झील के फिंगर-4 और फ़िंगर-8 पर अपना कब्जा करने की फिराक में है और यह बात अब काफी हद तक साफ भी हो चुकी है।
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच बीते कई दिनों से भारत ने बॉर्डर पर अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। भारत के लड़ाकू विमान सुखोई, मिग, अपाचे और चिनूक सीमा पर लगातार उड़ान भर रहे हैं। इसके अलावा भारत अपने मारक योद्धा भीष्म टैंक सहित युद्ध में दुश्मन की सांसें उखाड़ देने वाले बाक़ी साजो-सामान और जवानों को भी सीमा पर तैनात कर रहा है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' के ही मुताबिक़, भारत सरकार में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि ड्रैगन के साथ बातचीत तो जारी रहनी चाहिए लेकिन ज़रूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए। भारत सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत में शामिल रहे एक शीर्ष अधिकारी ने अख़बार से कहा, 'हम टकराव को बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन हम चीन के सामने झुकेंगे नहीं। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम उनका मुकाबला करेंगे।'