उत्तराखंड में भू-कानून की मांग को मिला राकेश टिकैत का समर्थन, बोले सुविधाएं देकर पहाड़ी लोगों के पलायन पर लगे रोक
(राकेश टिकैत बोले किसानों को बर्बाद करने का काम कर रही भाजपा सरकार)
सलीम मलिक की रिपोर्ट
देहरादून। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के लिए जनसमर्थन जुटाने उत्तराखण्ड पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तराखण्ड में भू-कानून की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन कर इसे राज्य की सबसे बड़ी जरूरत बताया।
बुधवार को देहरादून के प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तराखंड के साथ-साथ देश को बचाने के लिए सभी को किसान आंदोलन का समर्थन करना होगा। टिकरी बॉर्डर पर किसानों के लगातार 9 महीने से चल रहे आंदोलन और किसानों की आवाज को दिल्ली की संसद तक ले जाना है।
उन्होंने कहा कि 'जब तक बिल वापसी नही, तब तक घर वापसी नही' आंदोलन किसान की आवाज बन चुका है। देहरादून प्रेस क्लब में टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि कानूनों का विरोध जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तराखंड में भी आंदोलन के तरीके अपनाने होंगे।
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए टिकैत ने कहा कि पूंजीपतियों के हित साधने और देश भर के किसानों को बर्बाद करने के लिए जिस निर्लज्जता के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम कर रही है, ऐसी बेशर्मी से किसी भी देश और दल की सरकार काम नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इन सरकारों के कारनामे देखकर लगता है कि केंद्र और राज्य में किसी राजनैतिक दल की नहीं बल्कि उद्योगपतियों की सरकार है।
राकेश टिकैत ने उत्तराखण्ड में मजबूत भू-कानून बनाने के लिए चल रहे आंदोलन के सुर में सुर मिलते हुए कहा कि पलायन को रोकने के लिए मजबूत भू-कानून के साथ ही हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में विलेज टूरिज्म पॉलिसी लागू करने की भी जरूरत है। उन्होंने ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लागू करते हुए ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करने वालों पर सब्सिडी देने की मांग के साथ ही चीन-बॉर्डर के समीप स्थिति गांवों को अलग जोन बनाने और उनके संरक्षण के लिए अलग नीति बनाने की मांग की।
टिकैत ने दोहराया कि मैदानी इलाकों के लोगों को पहाड़ों में सेवा देने पर कई लाभ दिए जाते हैं। इसी तरह हिल पॉलिसी के तहत पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जानी चाहिए ताकि पलायन पर रोक लगाई जा सके।
इस दौरान टिकैत ने केंद्र सरकार से नए कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि कानून वापस नहीं लिए जाने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। उत्तराखंड सरकार भी अगर किसानों की मांगों पर करवाई नहीं करती है तो आंदोलन के लिए तैयार रहे। पत्रकार वार्ता के दौरान राकेश टिकैत के साथ किसान नेता गणेश उपाध्याय के अलावा कई किसान नेता मौजूद रहे।