Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

NEET में 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ आक्रोशित सवर्ण, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #OBC_आरक्षण_वापस_लो

Janjwar Desk
30 July 2021 4:28 PM IST
NEET में 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ आक्रोशित सवर्ण, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #OBC_आरक्षण_वापस_लो
x

आरक्षण के खिलाफ हल्ला बोल करते युवा. (photo - twitter)

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद तमाम छोटे -बड़े संगठनों ने मोदी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 27% ओबीसी आरक्षण लागू होने के कारण सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए प्रति वर्ष 2348 सीटों का नुकसान हुआ है...

जनज्वार ब्यूरो। मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) के अखिल भारतीय कोटा में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए 27% आरक्षण का ऐलान किया, मोदी ने ट्विटर पर ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 27% आरक्षण लागू कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

ट्विटर पर हुई थी OBC आरक्षण की मांग

ज्ञात हो कि विगत कुछ दिनों से ट्विटर पर NEET परीक्षा में ओबीसी आरक्षण लागू करने की माँग चल रही थी। तेजस्वी यादव समेत कई पिछड़ी जातियों के नेताओं ने 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने की माँग की थी, यहाँ तक सत्ता पक्ष के सांसद सुशील मोदी ने भी राज्यसभा में नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण लागू करने की माँग की थी।

आगामी वर्ष 2022 में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने पिछड़े वोटरों को साधने के लिए इससे बेहतर मौका नही होता इसलिए बिना किसी बड़े आंदोलन के बगैर सरकार ने 27% आरक्षण लागू कर दिया। मोदी सरकार के इस निर्णय के बाद सामान्य वर्ग के लोग कल से ही आक्रोशित हैं और ट्विटर पर #OBC_आरक्षणवापसलो लगातार ट्रेंड कर रहा है।

सोशल मीडिया पर हो रहा लगातार विरोध

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद तमाम छोटे -बड़े संगठनों ने मोदी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 27% ओबीसी आरक्षण लागू होने के कारण सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए प्रति वर्ष 2348 सीटों का नुकसान हुआ है।

सरकार के इस निर्णय के बाद आक्रोशित लोगों ने नरेंद्र मोदी समेत कई कैबिनेट मंत्रियों को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है, लोग लिख रहे हैं कि मोदी सरकार केवल पिछड़ी जातियों के वोटरों को साधने के लिए सवर्णों की अनदेखी कर रहें हैं।

वहीं तेजस्वी यादव समेत कई बड़े पिछड़ी जातियों के नेता इसे अपनी जीत मान रहें हैं और कह रहे हैं कि सरकार उनके दवाब के कारण झुक गयी। दिलीप मंडल समेत अन्य बहुजन अब जातीय जनगणना के लिए दवाब बनाने की तैयारी में लगें हुए हैं।

Next Story