Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

BREAKING: गिराए जाएंगे नोएडा के 40-40 मंजिला ट्विन टॉवर्स, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

Janjwar Desk
31 Aug 2021 12:56 PM IST
BREAKING: गिराए जाएंगे नोएडा के 40-40 मंजिला ट्विन टॉवर्स, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
x
र्ट ने कहा है कि ये टॉवर्स नियमों की अनदेखी करके बनने दिए गए। जिन लोगों ने इन सुपरटेक ट्विन टॉवर्स में फ्लैट लिए थे उनको 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम लौटाई जाएगी...

जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुपरटेक एमराल्ड केस में बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सुपरटेक के ट्विन टॉवर्स को गिराया जाएगा। सुपरटेक के ये दोनों ही टॉवर चालीस-चालीस मंजिला हैं। कोर्ट का कहना है कि ये टॉवर नोएडा अथॉरिटी औरर सुपरटेक की मिलीभगतसे बने थे। सुपरटेक अपने हीपैसों से इनको तीन महीने के अंदर-अंदर तोड़े। साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इन टॉवर्स को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद यह मामले सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने इलहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को भी सही माना है।

बता दें कि सुपरटेक की इस बहुमंजिला इमारत में 1-1 हजार फ्लैट्स हैं। कोर्ट ने कहा है कि ये टॉवर्स नियमों की अनदेखी करके बनने दिए गए। जिन लोगों ने इन सुपरटेक ट्विन टॉवर्स में फ्लैट लिए थे उनको 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम लौटाई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि टॉवर्स को तोड़ते वक्त अन्य बिल्डिंग्स को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।

11अप्रैल 2014 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले मे नोएडा के एमराल्ड परियोजना केस में 40 मंजिला ट्विन टॉवर्स को ध्वस्त करने और स्वीकृति योजना प्रदान नहीं करनेका निर्देश दिया था।

मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नोएडा अथॉरिटी ने कहा था कि प्रोजेक्ट को नियम के तहत मंजूरी दी गई थी। ये भी दलील दी गई कि प्रोजेक्ट में किसी भी ग्रीन एरिया और ओपन स्पेस समेत किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। उनके अधिकारियों ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। कानून केतहत प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। वहीं फ्लैट खरीदने वालों की ओर से दलील दी गई कि बिल्डर ग्रीन एरिया को नहीं बदल सकता है।

सुनवाई के दौरान बिल्डर का पक्ष लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को जमकर फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप बिल्डर की भाषा बोल रहे हैं, आपके अंग-अंग से भ्रष्टाचार टपकता है। यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक कोर्ट प्रोजेक्ट केस में नोएडा अथॉरिटी के द्वारा अपने अधिकारियों का बचाव करने और फ्लैट खरीदने वालों की कमियां बताने पर की।

जस्टिस डी.वी.चंद्रचूड़ ने कहा कि अवैध निर्माण में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। पर्यावरण की सुरक्षा और निवासियों की सुरक्षा पर भी विचार करना होगा। यह निर्माण सुरक्षा मानकों को कमजोर करता है। अवैध निर्माण से सख्ती से निपटना होगा। बिल्डरों और योजनाकारों के बीच अपवित्र गठजोड़ निवासियों को उस जानकारी से वंचित करता है जिसके वे हकदार हैं।

कोर्ट ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी द्वारा दी गई मंजूरी भवन नियमों का उल्लंघन है। टावरों के बीच न्यूनतम दूरी की आवश्यकताओं के खिलाफ है। भवन निर्माण के नियमों का पालन नहीं करने से अग्नि सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन हुआ है। टावरों के निर्माण के लिए ग्रीन एरिया के नियमों का उल्लंघन किया गया था।

Next Story

विविध