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राष्ट्रीय

महिलाओं को गर्भपात का अधिकार न देना और जबरन गर्भधारण मानवता के खिलाफ अपराध : Taslima Nasreen

Janjwar Desk
25 Jun 2022 3:40 PM IST
महिलाओं को गर्भपात का अधिकार न देना और जबरन गर्भधारण मानवता के खिलाफ अपराध : Taslima Nasreen
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया। इस फैसले के बाद अमेरिका आगे बढ़ने के बजाय पीछे की ओर जा रहा है।

नई दिल्ली। सुपरपावर अमेरिका ( America ) में गर्भपात पर पाबंदी ( abortion ban ) के बाद से नागरिक संगठनों को प्रदर्शन जारी है। ओक्लाहोमा द्वारा अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक गर्भपात प्रतिबंधों में से एक को मंजूरी देने के बाद इसको लेकर नये सिरे से दुनियाभर में बहस शुरू होने की भी संभावना है। इस बीच बांग्लादेश मूल की जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय लेखिका तस्लीमा नसरीन ( Taslima Nasreen ) ने गर्भपात को मंज़ूरी देने वाले 50 साल पुराने फैसले को पलटने के अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ( American Supreme Court ) के फैसले की सख्त आलोचना की है।

यूएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यकीन करना मुश्किल

चर्चित लेखिका तस्लीमा नसरीन ( Taslima Nasreen ) ने एक के बाद एक कई ट्विट किए हैं। जबरन गर्भधारण को उन्होंने मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया है। तस्लीमा नसरीन ने लिखा है कि इस बात पर यकीन नहीं हो रहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ( American Supreme Court ) ने गर्भपात ( abortion ban ) के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका आगे बढ़ने के बजाय पीछे की ओर जा रहा है।

सनकी बांग्लादेश में गर्भपात कानूनी

इस मसले पर बांग्लादेश के कानून की तारीफ करते हुए तस्लीमा नसरीन ( Taslima Nasreen ) ने कहा कि यहां तक कि सनकी मुस्लिम देश बांग्लादेश में भी गर्भपात कानूनी है। यूएसए जैसे सभ्य देश ने महिलाओं को उनके बुनियादी मानव अधिकारों से वंचित करने वाला काम किया है।

गैर कानूनी कार्यों को मिलेगा बढ़ावा

उन्होंने ( Taslima Nasreen ) मानव अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था 'ह्यूमन राइट्स वॉच' में महिला अधिकारों की डायरेक्टर मकारेना साज के बयान का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि गर्भपात की गारंटी देना न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानव अधिकारों के लिए भी जरूरी है। गर्भपात पर प्रतिबंध ( abortion ban ) लगाने या सख़्ती करने से गर्भपात की जरूरत खत्म नहीं हो जाती। गर्भपात को कम करने की बजाय उसे प्रतिबंधित कर देने से असुरक्षित प्रक्रियाओं का खतरा बढ़ जाता है। आपराधिक कानून लागू हो जाने का खतरा पैदा हो जाता है।

अमेरिकी राज्य बना सकते हैं अलग-अलग कानून

बता दें कि 24 जून को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ( American Supreme Court ) ने अपने एक अहम फैसले में गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले पांच दशक पुराने फैसले को पलट दिया था। इसके बाद अब महिलाओं के लिए गर्भपात का हक कानूनी न होकर गैर कानूनी हो गया है। इसे लेकर अमेरिकी राज्य अपने-अपने अलग नियम बना सकते हैं।

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