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Amethi : सपा विधायक ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिया इस्तीफा, अब अस्पताल में भी अनशन जारी
सड़क मरम्मत की नहीं सुनी गई मांग तो इस्तीफा देकर अनशन पर बैठे सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह की अस्पताल में भी जारी है भूख हड़ताल
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
Amethi news, लखनऊ। अमेठी जिले के गौरीगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह लखनऊ के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद भी अनशन पर डटे हुए हैं। लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी पार्क पर अनशन से उठाकर विधायक को सिविल हॉस्पिटल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने पहले तो अपने क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों के निर्माण की मांग पूरी न होने पर नाराजगी जताते हुए विधानसभा से इस्तीफा दिया और इसके बाद लखनऊ में धरना शुरू कर दिया।
पुलिस ने कराया अस्पताल में भर्ती
धरने के बाद तीन नवम्बर से विधायक ने अनशन शुरू किया था और पांच नवम्बर की रात उन्हें पुलिस ने जबरन अस्पताल में भर्ती करवा दिया। अस्पताल में लगातार समाजवादी पार्टी सहित अन्य पार्टियों के नेता उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। रविवार को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे। जनज्वार ने आरजेडी नेता से बात की। इसके साथ ही अनशनकारी विधायक से भी बात करने की कोशिश की लेकिन वे बात करने में असमर्थ दिखे। सिविल अस्पताल में नेताओं और समर्थकों के पहुँचने का सिलसिला लगातार जारी है।
सरकार पर तानाशाही का आरोप
अस्पताल परिसर में मौजूद राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने जनज्वार से बात करते हुए कहा कि मानवता को खत्म होते और सरकार की अहंकारी भावना को परखने आया हूँ। एक विधायक के साथ ये हाल हो रहा है। आम जनता के सही मुद्दों को लेकर कोई आवेदन देता है तो अधिकारियों के कथनानुसार यह सरकार जन प्रतिनिधियों को बेइज्जत कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार नींद से जागे। अनशन तुड़ाने का काम करे क्योंकि इनकी मांग न्यायोचित है। सड़क टूटी है और सड़क बनवाना सरकार का काम है। गड्डामुक्त कह रहे थे लेकिन गड्ढायुक्त की बात हो रही है। देश और प्रदेश इस सरकार को माफ नहीं करेगा और आगे आने वाले चुनाव में उनका सफाया होगा।
यह है पूरा मामला
दरअसल विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अपने क्षेत्र में दो खराब सड़कों का मुद्दा उठाते हुए इनके मरम्मत और निर्माण की मांग उठाई थी। साथ ही इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसके एसआईटी जांच की भी मांग उठाई थी। विधायक ने कहा था कि खराब सड़कों के कारण उनके क्षेत्र में 17 लोगों की जान जा चुकी है। जब विधायक की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो विधान सभा से इस्तीफा देते हुए 31 अक्टूबर को लखनऊ में धरने पर बैठ गए और 3 नवम्बर से अनशन शुरू कर दिया। 5 नवम्बर की रात उन्हें पुलिस बल की मदद से सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया और जबरन ड्रिप चढ़ाया गया। यहां विधायक का अनशन अभी भी जारी है।