Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

Ghaziabad News : केएन मोदी फाउंडेशन के 12 कॉलेजों का डेटा हैक, हैकर्स ने क्रिप्टो करेंसी में 8 करोड़ न देने पर दी इस बात की धमकी

Janjwar Desk
7 Sep 2022 2:33 AM GMT
गाजियाबाद : केएन मोदी फाउंडेशन के 12 कॉलेजों का डेटा हैक, हैकर्स ने क्रिप्टो करेंसी में 8 करोड़ न देने पर दी इस बात की धमकी
x

गाजियाबाद : केएन मोदी फाउंडेशन के 12 कॉलेजों का डेटा हैक, हैकर्स ने क्रिप्टो करेंसी में 8 करोड़ न देने पर दी इस बात की धमकी

Ghaziabad News : 29 अगस्त की दोपहर इन कॉलेजों के कंप्यूटर पर हैकर्स का मैसेज सामने आने के बाद यह मामला सामने आया है। फिलाल, फाउंडेशन की आईटी सेल भी डेटा रिकवर करने में जुटी है।

Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के गाजियाबाद ( Ghaziabad ) जिले में स्थिति चर्चित डॉक्टर केएन मोदी फाउंडेशन ( KN Modi Foundation ) के 12 कॉलेजों का डेटा हैक ( Data hack ) हो गया। हैकर्स ने एक मिलियन डॉलर यानि आठ करोड़ रुपए की क्रिप्टो करेंसी ( Crypto currency ) में की है। हैकर्स ने संस्थान को धमकी दी है कि अगर एफबीआई या पुलिस को इस बात की जानकारी दी तो हम फिर से साइबर अटैक करेंगे और संस्थान के सभी 12 कॉलेजों के डेटा को उड़ा देंगे।

ये है हैकर्स की चेतावनी

आपका डेटा चोरी करके इन्क्रिप्ट किया गया है। मदद के लिए पुलिस या एफबीआई के पास न जाएं। किसी को यह न बताएं कि हमने आप पर साइबर हमला ( Cyber attack ) किया है। इससे फाइलों को डिक्रिप्ट करने में समस्या होगी। पिछले तीन वर्षों में हमारे समूह का एक भी सदस्य पुलिस द्वारा नहीं पकड़ा गया है। हम शीर्ष स्तर के हैकर हैं और हम कभी भी अपराध का निशान नहीं छोड़ते हैं। कभी भी बिचौलिए को शामिल न करें और सीधे हमारे साथ लेनदेन का व्यवहार करें। बिचौलिए आपको लगभग 5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए कहेंगे लेकिन हम आपको क्रिप्टो करेंसी के जरिए एक मिलियन डॉलर में डील सेटल कर सकते हैं। यदि आप भुगतान नहीं करते और आनाकानी करते हैंए तो हम भविष्य में आपके संस्थान पर फिर से हमला करेंगे।

लॉकबिट ब्लैक से किया हमला

29 अगस्त की दोपहर इन कॉलेजों के कंप्यूटर पर हैकर का मैसेज आने के बाद ये मामला सामने आया। साइबर अटैक की धमकी मिलने के बाद से केएन मोदी फाउंडेशन की आईटी सेल डेटा रिकवर करने में जुटी है। सर्वर से सारा डेटा चोरी करने के बाद मिटा दिया गया। सिर्फ चेतावनी नोट जारी किया गया है। अभी तक की जांच में ये जानकारी मिली है कि हैकर्स से लॉकबिट ब्लैक से हमला किया है।

मोदीनगर थाने में FIR दर्ज

डेटा चोरी की धमकी मिलने के बाद डॉक्टर केएन मोदी फाउंडेशन के अधिकृत अधिकारी संदीप यादव ने मोदीनगर थाने में 6 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई है। संदीप यादव के मुताबिक डॉक्टर केएन मोदी फाउंडेशन शिक्षण संस्था के बैनर तले 4 ट्रस्ट और 8 कॉलेज संचालित हैं। गाजियाबाद के एसएसपी जी मुनिराज ने कहा कि केस दर्ज कर हैकर को ट्रेस करने के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साइबर विशेषज्ञ की मदद ली जाएगी।

हैकर्स के निशाने पर हैं ये संस्थान

डॉ. केएन मोदी इन्सटीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, डॉ. केएनजीडी मोदी इंजीनियरिंग कॉलेज, डॉ. केएन मोदी इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर फॉर मैनेजमेंट डवलपमेंट, डॉ. केएन मोदी सेंटर फॉर स्किल डवलपमेंट, डॉ. केएन मोदी ग्लोबल स्कूल, गिन्नी देवी मोदी इन्सटीट्यूट ऑफ एजुकेशन, डॉ. केएन मोदी इंजीनियरिंग कॉलेज व अन्य।

संस्थान के डेटा पर हैकर्स का कब्जा

डॉ. केएन मोदी फाउंडेशन के अधिकारी संदीप कुमार यादव ने बताया कि सभी तरह के डेटा हैकर्स के नियंत्रण में है। इनमें कम्प्यूटर सर्वर में छात्रों, कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डेटा, वित्तीय लेखा-जोखा से संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड, अन्य डेटाबेस जो इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखा जाता है। डेटाबेस में छात्रों-कर्मचारियों की गोपनीय जानकारी होती है। इसलिए डेटा का अवैध प्रयोग दिक्कत पैदा कर सकता है। हमने साइबर अपराध या फिशिंग को रोकने के लिए एंटी वायरस, फायर वॉल या जो भी संभव तरीका हो सकता है वो सब अपनाया लेकिन कोई हल नहीं निकला।

लॉकबिट ब्लैक क्या होता है?

लॉकबिट ब्लैक एक प्रकार का कंप्यूटर वायरस है। वायरस को दूसरे शब्दों में फिरौती वायरस कहा जा सकता है। यह टार्गेटेड कंप्यूटर या सर्वर को अपने कब्जे में लेकर उसे फिर से पुराने स्वरूप में बहाल करने या कूटबद्ध डाटा छोड़ने के बदले फिरौती की मांग करता है। सह वायरस कंप्यूटर में ई-मेल या अन्य माध्यमों से पहुंचकर कंप्यूटर या सर्वर की सारी फाइलों को इनक्रिप्ट डेटा को ब्लॉक कर देता है। इससे उपयोग करने वाला तब तक अपने सर्वर और डेटा तक एक्सेस नहीं बना पाता है जब तक कि वह उसे अनलॉक करने के लिए फिरौती नहीं दे दी जाती है। बता दें कि कुछ समय पहले पीटीआई के कंप्यूटर सर्वरों पर बड़े पैमाने पर लॉकबिट रैनसमवेयर मैलवेयर वायरस का हमला हुआ था, जिससे पूरे भारत में लाखों ग्राहकों को समाचार भेजने का काम कुछ घंटों तक बाधित रहा।

Next Story

विविध