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उत्तर प्रदेश

राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री काल में विकास दुबे ने की थी राज्यमंत्री की हत्या, गवाह न मिलने पर हुआ था बरी

Janjwar Desk
3 July 2020 12:00 PM GMT
राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री काल में विकास दुबे ने की थी राज्यमंत्री की हत्या, गवाह न मिलने पर हुआ था बरी
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19 साल पहले जब राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो 2001 में विकास दुबे ने राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला की हत्या की थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली। नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था। विकास कई बार गिरफ्तार भी हुआ...

जनज्वार। उत्तरप्रदेश में कानपुर देहात के बिठूर थाना क्षेत्र में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 19 साल पहले जब राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो 2001 में विकास दुबे ने राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला की हत्या की थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली। नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था। विकास कई बार गिरफ्तार भी हुआ। 2017 में लखनऊ में एसटीएफ ने कृष्णा नगर से उसे दबोचा गया था।

हिस्ट्रीशीटर विाकस कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का रहने वाला है। उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है। इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है। साल 2000 में विकास ने शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी थी। जिसमें उसे उम्र कैद भी हुई थी।

विकास दुबे ने अपने अपराधों के दम पर पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। 2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। उसका इतना खौफ था कि, कोई गवाह सामने नहीं आया। जिसके कारण वह केस से बरी हो गया। इसकी एक शादी शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क के पास रहने वाले राजू खुल्लर की बहन से हुई थी। ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज बना रखा था।

कहा जाता है कि साल 2002 में जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था। साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। तब अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था। साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या की जेल में साजिश रचने का आरोपी था। साल 2004 में व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। विकास ने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत गया गया था।जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 60 मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था। हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी।

विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था। शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था। कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है।

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