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Jhansi News: योगी के रामराज्य में आत्महत्या को मजबूर अन्नदाता, सप्ताह भीतर किसान की मौत का यह दूसरा मामला
Jhansi News: योगी के रामराज्य में फांसी लगाकर जान देने को मजबूर अन्नदाता, सप्ताह भीतर किसान की मौत का यह दूसरा मामला
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी थाना में लहचूरा बम्होरी चकारा निवासी 25 वर्षीय युवा दलित किसान ब्रगभान ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली। किसान ने कर्ज और फसल बर्बाद होने के चलते फांसी लगाई है। बताते चलें कि झांसी में फसल खराब होने के चलते किसानों द्वारा आत्महत्या करने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले पूंछ थानाक्षेत्र में बेटी की शादी ना कर पाने के चलते किसान ने सुसाइड कर लिया था।
मृतक किसान के बड़े भाई उमेश ने बताया छोटा भाई ब्रगभान कई दिनों से कर्ज को लेकर परेशान चल रहा था। पिता स्वामी प्रसाद अहिरवार के नाम लगभग 13 एकड़ खेती की जमीन है, जिसमें हम और हमारा छोटा भाई बृगभान खेती किसानी कर परिवार पाल रहे थे। फसलें बर्बाद हो गई थीं, बैंक का लगभग केसीसी कर्ज 6 लाख का और साहूकारों का 4 लाख कर्ज है। छोटे भाई की शादी हो गई थी, जिसकी पत्नी रचना देवी और एक 4 साल का बेटा है।
परिजनों ने बताया कई सालों से फसल बर्बाद हो रही है। फसल न होने से कर्ज बढ़ गया। खेत पर ही जुताई बखराई का काम चल रहा था। शाम के समय घर वाले खेत पर पहुंचे तो देखा ब्रगभान फांसी पर झूल रहा है। इस हृदय विदारक घटना से पूरे गांव में मातम सा पसर गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुँची। किसान को लेकर परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊरानीपुर पहुँचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार मौके पर पहुँचे, और परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद की बात कही। शिवनारायण ने किसान द्वारा फांसी लगाने की सूचना उप जिलाधिकारी मऊरानीपुर (SDM Mauranipur) मृत्युंजय नारायण मिश्रा जी को दी। इसके साथ ही किसान नेता परिहार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से 72 घण्टे के अंदर मृतक किसान के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग की है।
गौरतलब है कि, बुंदेलखंड क्षेत्र, जिसमें जनपद ललितपुर, झांसी, महोबा में इस वर्ष सूखा व बे-मौसम बारिश के चलते किसानों की खरीफ फसल, जिसमें तिल, उड़द, मूंग और मूंगफली की फसलें नष्ट हो गईं। लेकिन, अभी तक शासन द्वारा किसानों को न मुआवजा दिया गया न बीमा क्लेम दिया गया। इस समय किसानों की रवि फसल बुवाई का समय है। धन के अभाव और इस कमरतोड़ महंगाई में किसान बुवाई करने में असमर्थ हो रहा है। हालत यह है कि घर के जेवर गिरवी रख के उधार लेकर खाद, बीज, पानी का इंतजाम करके खेतों में चना मटर राई की फसल हो रहा है।
बुंदेलखंड में यह कोई पहली बार नहीं है। बुंदेलखंड में लगातार कई वर्षों से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। समय पर शासन द्वारा मुआवजा बीमा क्लेम नहीं दिया जाता और किसान निरंतर कर्ज में डूबता जा रहा है। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में आत्महत्या को मजबूर है। बुंदेलखंड की यही बदहाली है। 2019 में खरीफ फसल संपूर्ण रूप से नष्ट हुई थी, जिसमें किसानों को बीमा क्लेम आज भी हजारों किसानों को नहीं मिला। बैंक बीमा कंपनियों ने मिलकर किसानों का बीमा क्लेम हड़प लिया।
किसान नेता शिवनारायण परिहार ने जनज्वार से बात करते हुए कहा, 'पहले जब अखिलेश यादव की सरकार थी, तो किसानों को हर तरह की मदद मिल रही थी। लेकिन जब से सरकार बदली है, किसानों को मदद तो छोड़िये मरने के बाद मुआवजा तक नहीं मिलता। अफसर अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। SDM ने आश्वासन देकर फोन काट दिया। पूरे प्रदेश का यही हाल है।'
बता दें कि यूबे की योगी सरकार किसानों के लिए दावे तो बहुत बड़े-बड़े करती है, लेकिन उनके इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। फसल बर्बाद होने और बेटी की शादी ना कर पाने के बाद सिर्फ झांसी जनपद की एक सप्ताह के भीतर किसान की आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। इसके अलावा प्रदेश में ऐसे हजारों किसान हैं जो फसल की बर्बादी के बाद कंगाली में जी रहे हैं। आज ब्रगभान ने आत्महत्या की है, कल फिर किसी का नंबर आयेगा। लेकिन इस सरकार को इन मौतों से कोई फर्क नहीं पड़ता।