Uttarakhand News : सीएम धामी की वादाखिलाफी पर भड़के तीर्थपुरोहित, गंगोत्री में बंद रहेगा पूजा-पाठ
(तीर्थ पुरोहितों ने 1 नवंबर को गंगोत्री धाम में पूजा पाठ बंद करने का एलान कर दिया है) File pic.
Uttarakhand News : गंगोत्री धाम (Gngotri Dham) के तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड (Devsthanam Board) को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार (Dhami Government) पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। इस वादाखिलाफी के विरोध में सोमवार, 1 नंवबर 2021 को गंगोत्री धाम में बाजार, व्यवसायिक प्रतिष्ठान सहित तमाम गंगा घाटों पर पूजा-पाठ बंद रहेगा।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों (Tirth purohit) का कहना है कि मुख्यमंत्री (CM Pushkar Singh Dhami) ने आश्वासन दिया था कि 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब इसके विरोध में गंगोत्री बाजार बंद रखा जाएगा। साथ ही जुलूस प्रदर्शन कर विरोध दर्ज किया जाएगा।
प्रदेश सरकार की ओेर से देवस्थानम् बोर्ड भंग करने को लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार, 1 नवंबर को संपूर्ण गंगोत्री धाम बंद रखने के साथ ही पूजा पाठ न करने का निर्णय लिया है।
हालांकि, इस बंदी से गंगोत्री धाम की यात्रा पर पर आने वाले तीर्थ पुरोहितों को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि तीर्थयात्रियों को होनेवाली परेशानियों का सारा दोष धामी सरकार का है।
इससे पहले रविवार को गंगोत्री धाम में श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों तथा स्थानीय व्यापारियों की एक बैठक संपंन हुई। जिसमें सभी तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं हकहकूक धारियों ने देवस्थानम् बोर्ड भंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की।
तीर्थ पुरोहितों ने का कि प्रदेश सरकार की ओर से गत 11 सितंबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई वार्ता में 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने का निर्णय लिया जाने की बात हुई थी।
लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही प्रदेश सरकार की ओर से की गई है। जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और एक नवंबर को संपूर्ण गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया।
जिसमें गंगोत्री धाम के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद (Market closed) रखने के साथ ही नदी तटों सहित किसी भी प्रकार की पूजा पाठ का कार्य नहीं करने तथा जनआक्रोश रैली निकालने का निर्णय लिया।
बैठक में मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल, इन्द्र देव सेमवाल, संजय सेमवाल, मुकेश सेमवाल, कमल नयन, गणेश सेमवाल, आशाराम, माधव प्रसाद, पवन सेमवाल, बद्री प्रसाद आदि तीर्थ पुरोहित एवं व्यापारी मौजूद थे।