Dehradun Samachar: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सचिव पर उठनी लगी अब उंगलियां
Dehradun News, Dehradun Samachar। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से अब सचिव के इस्तीफे की मांग होने लगी है। अध्यक्ष ने पेपर लीक मामले की धांधली के तूल पकड़ने पर दिए गए इस्तीफे को नैतिकता के आधार पर दिया गया इस्तीफा बताया है। वहीं पेपर लीक मामले की जांच में अब तक एक क्षेत्र विशेष उत्तरकाशी जिला सबसे ज्यादा चर्चा में आया है। इस क्षेत्र के एक-दो नहीं बल्कि 80 से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की स्नातक स्तर की परीक्षा में कई ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
बता दे कि बीते साल आयोजित यूकेएसएससी की स्नातक स्तर की इस परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतें तो पहले से ही आ रही थीं। लेकिन जांच के बाद 22 जुलाई को एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर इसकी जांच शुरू की थी। एसटीएफ इस मामले में अभी तक तेरह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें दो कोर्ट कर्मचारी एक पुलिस विभाग में कार्यरत है।
पेपर लीक मामले की जांच में अब तक उत्तरकाशी का क्षेत्र विशेष सबसे ज्यादा चर्चा में आया है। इस क्षेत्र के एक-दो नहीं बल्कि 80 से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं। इनमें कुछ ग्राम प्रधान हैं तो कई क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य। बताया जा रहा है कि नकल कर पास हुए इन अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र इसी क्षेत्र के एक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े जिला पंचायत सदस्य जो की इन दिनों हरिद्वार में रहता है ने मुहैया कराया था। एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार, आरोपी कई अभ्यर्थियों को लेकर देहरादून आया था।
यहां उसने लीक करने वालों से पेपर खरीदा और हल कर इन अभ्यर्थियों को बेचा था। सभी यहां होटलों में ठहरे थे। हालांकि एसटीएफ को इनके बारे में अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं लेकिन पकड़े गए आरोपियों ने इनके नाम लिए हैं। सरकार के लिए गले की हड्डी बन चुके इस मामले में एसटीएफ की एक टीम गढ़वाल में, दूसरी हरिद्वार और तीसरी कुमाऊं क्षेत्र में साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। इस पेपर लीक कांड के बाद आयोग को भंग करने की भी मांग हो रही है। जिसके बाद आयोग ने परीक्षा पैटर्न बदलने का ऐलान किया था। अब आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद आयोग सचिव संतोष बडोनी के खिलाफ कार्यवाही की मांग जोर पकड़ने लगी है।