Dehradun News: पिंजरे में फंसे किसी भी वन्यजीव को नुकसान पहुंचा, तो वन विभाग के अधिकारी जवाबदेह होंगे
Dehradun News: पिंजरे में फंसे किसी भी वन्यजीव को नुकसान पहुंचा, तो वन विभाग के अधिकारी जवाबदेह होंगे
Dehradun News: उत्तराखंड सरकार ने बीते दिनों पौड़ी में पिंजरे में कैद गुलदार को जलाकर मार डालने की घटना पर वन विभाग को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगर पिंजरे में फंसे किसी भी वन्यजीव को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचा, तो इसके लिए वन विभाग के अधिकारी जवाबदेह होंगे। राज्य के पौड़ी जिले में पिंजरे में फंसे गुलदार को ग्रामीणों द्वारा जिंदा जला दिए जाने की घटना के बाद नई दिल्ली में हुई हलचल के बाद राज्य सरकार और वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर हरकत में आ गया है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने इस बाबत वन विभाग को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि पिंजरे में फंसे वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा संबंधित प्रभाग के वनाधिकारियों का होगा। पिंजरों की 24 घंटे निगरानी के लिए कर्मचारी को तैनात कर दिया जाऐगा।
बता दे कि पौड़ी जिले में तीन दिन पहले पिंजरे में फंसे एक गुलदार को ग्रामीणों ने जिंदा जला दिया था। वैसे इस मामले में विभाग की तरफ से ग्राम प्रधान सहित करीब डेढ़ सौ लोगों की भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। लेकिन बेजुबान वन्यजीव के प्रति ग्रामीणों की इस क्रूरता ने देश भर के वन्यजीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया था। इसी जिले में इस घटना से ग्यारह साल पहले भी धामधार गांव में ग्रामीण पिंजरे में फंसे एक गुलदार को आग के हवाले कर उसे जान से मार चुके थे। ग्रामीणों द्वारा आदमखोर गुलदार को खुद मौत दिए जाने का यह इक्का दुक्का मामला नहीं है। मवेशियों के मारे जाने पर मृत मवेशी की लाश पर जहर डालकर गुलदार मारे जाने की कई घटनाएं पहले भी होती रहीं हैं। लेकिन यह घटनाएं साइलेंट किलिंग होने की वजह से चर्चाओं में नहीं आ पाती थी। लेकिन पिंजरे में फंसे गुलदार को भीड़ द्वारा वहशियों की तरह जला डालने की लोमहर्षक घटनाओं की चर्चा देश विदेश तक होने के कारण सरकार इन घटनाओं पर संजीदा हो उठी है।
इस बारे में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डाॅ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वन्य जीवों को पकड़ने के लिए जिस किसी भी वन प्रभाग में पिंजरा लगाया जाएगा, इसमें फंसने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा का जिम्मा भी संबंधित प्रभाग के अधिकारियों का ही होगा। इलाके में पिंजरा लगाने के साथ ही पिंजरे के पास 24 घंटे कर्मचारी और आसपास सीसीटीवी और कैमरा ट्रैप भी लगाए जाएंगे। जिससे पिंजरे में फंसतें ही वन्यजीव को तुरन्त रेस्क्यू कर वहां से निकाला जा सके।