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उत्तराखंड

Uttarakhand Flood : उफनाई कोसी नदी के कारण दुर्गम चुकुम गांव के लोग भारी मुसीबत में पर नहीं पहुंची सरकारी मदद

Janjwar Desk
20 Oct 2021 4:57 PM GMT
Uttarakhand Flood : उफनाई कोसी नदी के कारण दुर्गम चुकुम गांव के लोग भारी मुसीबत में पर नहीं पहुंची सरकारी मदद
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(उत्तराखंड में भारी बारिश से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है)

नेशनल हाईवे के मोहान इलाके (Mohaan area) से बमुश्किल डेढ़ किमी की दूरी पर बसे इस गांव तक सीधे जाने के लिए भी साल के बारह महीनों कोसी नदी (Kosi river) को बिना किसी पुल के पैदल पार करना एक कठिन काम है।

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand Flood : रामनगर (Ramnagar) तहसील मुख्यालय से पच्चीस किमी की दूरी पर बसे दुर्गम गांव चुकुम (Chuki Village) बरसात और बराबर से बहने वाली उफनाई कोसी का कहर झेल रहा है। यूँ तो विकासखंड (Vikas khand) का यह प्रथम गांव साल के बारह महीनों ही दुश्वारियां झेलने के लिए अभिशप्त है। लेकिन हालिया तीन दिन की बरसात ने इस गांव में मुसीबतों की बाढ़ ला दी है।

नेशनल हाईवे के मोहान इलाके (Mohaan area) से बमुश्किल डेढ़ किमी की दूरी पर बसे इस गांव तक सीधे जाने के लिए भी साल के बारह महीनों कोसी नदी (Kosi river) को बिना किसी पुल के पैदल पार करना एक कठिन काम है। गर्मी और सर्दी में नदी का पानी कम होने पर ग्रामीण जैसे-तैसे नदी आर-पार कर अपनी जरूरतें पूरा करते हैं। लेकिन बरसात में उफनाई कोसी नदी ग्रामीणों का यह रास्ता बंद कर देती है। जिससे गांव वालों को अपने इस छोटे से गांव में ही कैद होकर रहना पड़ता है।

बेहद मजबूरी की आपातकालीन हालत में ग्रामीणों को घने जंगली नौ किमी. लम्बे पैदल रास्ते से कुमेरिया होते हुए रामनगर आना पड़ता है। इस गांव की इन दुश्वारियों पर जनज्वार पहले ही एक रिपोर्ट भी प्रकाशित कर चुका है।

ऐसी विकट परिस्थितियों वाले इस चुकुम गांव में हालिया बरसात ने कहर बरपा रखा है। भारी बरसात के चलते इस गांव के करीब दो दर्जन घर ध्वस्त हो गए हैं। जिस वजह से ग्रामीणों को जंगल में पेड़ो के नीचे सिर छिपाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ठीक कोसी नदी के किनारे पर बसे इस गांव की अच्छी खासी कृषि भूमि भी कोसी नदी की बाढ़ की चपेट में आ गई है।

तमाम घरों में भारी बरसात का पानी और मलवा घुस आने से ग्रामीणों के कपड़े-लत्ते व खाने-पीने का सामान तक नष्ट हो गया है। यहां तक कि गांव की बिजली और संचार व्यवस्था (Electricity and Communication) तक भंग हो जाने के कारण ग्रामीण दूसरे इलाकों से मदद की गुहार लगाने से भी मजबूर हो गए हैं। स्थानीय भाजपा विधायक तक गांव का दूर से मुआयना कर मुख्यमंत्री तक गांव की हालत की जानकारी देने से अधिक कुछ नहीं कर पाए।

ऐसे में गांव के पूर्व प्रधान जसीराम ने किसी तरह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत से सम्पर्क कर गांव की व्यथा बताई तो रावत बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक टुकड़ी के साथ रसद सामग्री लेकर चुकुम गांव पहुंच गए।

तहसील मुख्यालय से वाया कुमेरिया (Kumeria) नौ किमी. पैदल मार्ग से कंधों पर राहत सामग्री ढोकर दुर्गम गांव चुकुम पहुंची कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टीम ने भूखे-प्यासे ग्रामीणों को राहत सामग्री वितरित की। बुधवार को रणजीत रावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टोली खाद्यान्न, त्रिपाल एवं अन्य जरूरी राहत सामग्री लेकर चुकूम ग्राम पहुंचे।

गांव पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने रणजीत रावत को बताया कि अभी तक चुकूम ग्राम में शासन-प्रशासन (Government and Administration) का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी एवं प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है। कुछ देर पहले एक हेलीकॉप्टर से कुछ सामग्री जरूर गिराई गई है।

इस मौके पर पीड़ित परिवारों को रावत ने विश्वास दिलाया कि इस आपदा में दुख की घड़ी में कांग्रेस आपके साथ खड़ी है। रावत ने ग्रामीणों को फौरी राहत के तौर पर खाद्य सामग्री, तिरपाल आदि मुहैया कराते हुए भरोसा दिलाया कि सरकार से मुआवजा दिलाने के साथ ही कांग्रेस स्तर पर जो सम्भव मदद होगी वह की जाएगी।

इस मौके पर उनके साथ ब्लॉक अध्यक्ष देशबंधु रावत, चंदू उप्रेती, ललित जोशी, राजेश नेगी, विशाल रावत, ललित कडाकोटि, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जितेंद्र रावत, पंकज बिष्ट, संदीप रावत, विकास रावत, रवि ठाकुर, पूर्व प्रधान जसी राम, ग्राम प्रधान सीमा देवी, वीरेंद्र सिंह, गंगा सिंह, मोहन सिंह, वालम सिंह आदि रहे।

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