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एक्सप्रेस वे में गयी जमीन के मुआवजे से बनाया जो घर, अब औद्योगिक विकास के नाम पर उसी पर बुल्डोजर चलायेगी योगी सरकार

Janjwar Desk
20 April 2023 3:42 PM GMT
एक्सप्रेस वे में गयी जमीन के मुआवजे से बनाया जो घर, अब औद्योगिक विकास के नाम पर उसी पर बुल्डोजर चलायेगी योगी सरकार
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Andika Bagh farmer protest : जमीन नहीं देंगे का ऐलान करते हुए अंडिका बाग से किसानों मजदूरों ने निकाला जुलूस, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे अंडिका बाग किसान मजदूर धरने का एक माह पूरा...

अंडिका बाग, फूलपुर, आजमगढ़ । पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे के गांवों में औद्योगिक क्षेत्र और पार्क के नाम पर जमीन छीनने के खिलाफ चल रहे अंडिका बाग धरने के एक माह पूरे होने पर आज 20 अप्रैल को जुलूस निकाला गया। हरे झंडे और तख्ती लिखे नारों के साथ जुलूस निकाला गया। लड़ेंगे जीतेंगे, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, जमीन के लुटेरों वापस जाओ, जमीन हमारे आपकी नहीं किसी के बाप की के नारे लगाए गए।

जुलूस में पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव विरेंद्र यादव, जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के किसान नेता राजीव यादव, निशांत राज, राहुल यादव, जनवादी किसान सभा अंबेडकरनगर से जय प्रकाश, राम जगत, गोविंद नारायण मिश्र प्रमुख रूप से शामिल रहे।

पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव विरेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ के सुमाडीह, खुरचंदा, बखरिया, सुलेमापुर, अंडिका, छजोपट्टी, वहीं सुलतानपुर के कलवारीबाग, भेलारा, बरामदपुर, सजमापुर के किसान अंडिका बाग में आंदोलनरत हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे के गांव संकट में हैं। देश में करोड़ों लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं, जिन्होंने अपनी जमीन विकास परियोजनाओं के नाम पर दे दी और खुद सड़कों पर बंजारे की जिंदगी जी रहे हैं।

जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि विकास के इस कड़वे स्वाद ने जो हकीकत सामने रखी है उसको देखते हुए इन गांव के लोगों ने तय किया है कि वह धरती माता का सौदा नहीं करेंगे। कई ऐसे किसान मजदूर हैं जिनकी जमीनें एक्सप्रेस वे में गई और जो मुआवजा उनको मिला उससे उन्होंने जो मकान बनाए आज फिर उनपर बुलडोजर चलने की नौबत आ गई है।

किसान नेता निशांत राज ने कहा कि विकास से विस्थापन और विनाश की प्रक्रिया यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जिसमें 35 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है, गांव किसानों को खत्म करने वाली सरकारी दावे के अनुसार चौथी औद्योगिक क्रांति के निशाने पर पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के किनारे पड़ने वाले गांव हैं।

जुलूस में लालबहादुर, कौशल्या, मेवाती, गीता, विद्या, मिथलेश, जय प्रकाश, मुस्कान, श्वेता, रत्न गंगा, मदन लाल आदि शामिल रहे।

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