भजनपुरा में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की 1 हफ्ते पुरानी लाशें बरामद, आत्महत्या की आशंका
शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह परिवार बिहार के सुपौल का रहने वाला था, और परिवार का मुखिया ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था...
जनज्वार। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में एक घर से आज बुधवार को एक ही परिवार के 5 सदस्यों की लाशें मिली हैं। मरने वालों में मां-बाप और उनके 3 बच्चे शामिल हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये लाशें 5-6 दिन पुरानी हैं, क्योंकि घर से बदबू आने पर पड़ोसियों की सूचना के बाद पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़ लाशें बाहर निकालीं।
मामले की जांच कर रही पुलिस ने का कहना है कि आज सुबह साढ़े 11 बजे घर से बदबू आने की सूचना इलाके के लोगों द्वारा दी गयी थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा तो लाशें नजर आयीं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह परिवार बिहार के सुपौल का रहने वाला था, और परिवार का मुखिया ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण—पोषण कर रहा था। शुरुआती जांच के बाद मामला आत्महत्या का लग रहा है, क्योंकि घर का दरवाजा अंदर से बंद था। हालांकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं किया गया है।
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घर के अंदर से बदबू की सूचना मिलने पर आज जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो घर का मुख्य दरवाजा बाहर से बंद मिला, हालांकि पीछे का दरवाजा अंदर से बंद था। घर से बदबू आ रही थी। दरवाजा तोड़कर पुलिस घर के अंदर दाखिल हुई तो 5 शव मिले। शवों की पहचान 43 वर्षीय शंभू और उसकी 38 वर्षीय पत्नी सुनीता और उनके बच्चों 17 वर्षीय शिवम, 14 साल के सचिन और 12 साल की कोमल के रूप में हुई। यह परिवार भजनपुरा में किराए की मकान में रहता था।
ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने इस मामले में मीडिया को बताया कि ये शव पिछले कई दिनों से घर के अंदर बंद थे, जिस कारण बदबू आ रही थी। इनकी मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मौके से कोई नोट बरामद नहीं किया गया है।
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पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के मुताबिक यह परिवार मूल रूप से बिहार के सुपौल जिले के मल्नी गांव का रहने वाला था। परिवार 6-7 माह से इस घर में किराये पर रह रहा था। मृतक के मामा शंकर जायसवाल का कहना है कि परिवार का मुखिया शंभू ई-रिक्शा चलाता था। पहले यह जूस का ठेला लगाता था। 10-15 दिन से उनकी शंभू से बात नहीं हुई थी। शंभू को तीन बच्चे एक बेटी और दो बेटे थे बेटी की उम्र करीब 12 साल थी। बेटों की उम्र 14 और 17 साल थी।
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गौरतलब है कि साल 2018 में भी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ऐसी ही घटना सामने आयी थी, जिसमें परिवार के 11 लोगों की लाशें बरामद की गयी थी। बाद में उस मामले में खुलासा हुआ था कि वह आत्महत्यायें अंधविश्वास के कारण की गयी थीं, और उनका विश्वास था कि उनका पुनर्जन्म होगा। इस मामले में मौत के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है।
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हालांकि शुरुआती आशंका आत्महत्या की जतायी जा रही है। शक यह भी जताया जा रहा है कि शायद परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा होगा जिस कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया, क्योंकि परिवार का मुखिया शंभू ई-रिक्शा चलाकर अपना गुजारा कर रहा था।