Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

ट्रेन चलाने को लेकर अखिलेश यादव के इन सवालों का क्या जवाब है मोदी सरकार के पास

Prema Negi
11 May 2020 11:25 PM IST
ट्रेन चलाने को लेकर अखिलेश यादव के इन सवालों का क्या जवाब है मोदी सरकार के पास
x

मोदी सरकार ने घोषणा की है कि वह 12 मई से देश के अलग-अलग हिस्सों से यात्री ट्रेन चलाएगी। सरकार ने यह कदम कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से राष्ट्रीय स्तर पर मची अफरा-तफरी के कारण लिया है...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कल 12 मई से ट्रेनों के चलाए जाने को लेकर सवाल किए हैं। उन्होंने एसी बोगी को लेकर भी सवाल किए हैं, वहीं बुजुर्गों और​ ​बीमारों को लेकर मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने घोषणा की है कि वह 12 मई से देश के अलग—अलग हिस्सों से यात्री ट्रेन चलाएगी। सरकार ने यह कदम कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से राष्ट्रीय स्तर पर मची अफरा—तफरी के कारण लिया है। देश के हर हिस्से से मजदूर और शहरी गरीब पैदल चल रहे हैं और भूखों—प्यासे सड़कों पर मर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार पहले भी चला सकती थी ट्रेन, बच सकती थी मारे गए दर्जनों मजदूरों की जान

मोदी सरकार से अ​खिलेश यादव के ये हैं सवाल

1. सरकार बताए क्या AC ट्रेन चलाने से पहले एसी सिस्टम की सफ़ाई-सर्विसिंग करवा ली गयी है?

2. रेलवे स्टेशन तक जाने व वहाँ से घर या निकटस्थ शहरों में जाने की क्या व्यवस्था है?

3. क्या बुजुर्गों-मजबूरों के लिए व्हील चेयर मिलेगी?

4. सामान व बिस्तर को ढोने के लिए क्या कुली मिलेंगे?



?s=20

खिलेख यादव ने सवाल किया है, 'सरकार बताए क्या AC ट्रेन चलाने से पहले एसी सिस्टम की सफ़ाई-सर्विसिंग करवा ली गयी है। साथ ही बताए कि रेलवे स्टेशन तक जाने व वहाँ से घर या निकटस्थ शहरों में जाने की क्या व्यवस्था है। क्या बुजुर्गों-मजबूरों के लिए व्हील चेयर मिलेगी, सामान व बिस्तर को ढोने के लिए क्या कुली मिलेंगे।'

यह भी पढ़ें : रेलवे का ऐलान- विशेष श्रमिक ट्रेनों में अब बैठ सकेंगे 1700 यात्री, होंगे सिर्फ 3 ठहराव

क अन्य ट्वीट में अखिलेश ने सवाल उठाया है, 'लोगों से घरों का किराया न लेने की अपील करने वाले रेलवे से किराया न वसूलने की अपील क्यों नहीं कर रहे हैं। गरीबों के पास क्या इतनी समझ है कि वो ऑनलाइन टिकट बुक करा सकें। साइबर कैफ़े व एजेंट सेवा भी अनुपलब्ध है। न ही गरीबों के पास एप के लिए स्मार्ट फोन हैं। कोई कन्सेशन भी नहीं है।'



?s=20

यह भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए हिमाचल की तरह दूसरे राज्य क्यों नहीं उठा रहे कदम

ऐसे में न सिर्फ मोदी सरकार की मजदूर और गरीब विरोधी नीतियां उजागर हो रही है, बल्कि यह भी देश और दुनिया के स्तर पर साफ होता जा रहा है कि 130 करोड़ से भी ज्यादा आबादी वाले देश में गरीबों और मजदूरों के लिए आपदा प्रबंधन का कोई तंत्र हमारी सरकारों ने कभी विकसित करने का कोई ​प्रयास ही नहीं किया।

इस मसले पर मजदूर नेता विमल त्रिवेदी कहते हैं, 'लॉकडाउन के बाद सरकार और उसका पूरा तंत्र नंगा हो चुका है। पूरा देश देख रहा है कि गरीबों और मजदूरों के दम पर सत्ता का सुख भोग रहे मोदी नीरो साबित हो रहे हैं। जाहिर तौर पर उसी पर रंगरोगन लगाने के लिए सरकार ट्रेन चलाने की कवायद कर रही है।'

यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर के छात्रों ने खाली किया जामिया विश्वविद्यालय का हॉस्टल, लौटे अपने घर

हाड़गंज में ट्रेन टिकट विक्रेता के यहां नौकरी करने वाले गौतम डे मजदूर नेता विमल त्रिवेदी की बातों पर ठप्पा लगाते हैं। बताते हैं कि सरकार ने कहा ​था कि आज 11 मई की शाम 4 बजे आनलाइन टिकट मिलने लगेंगे, लेकिन रेलवे की टिकट बुकिंंग साइट ही नहीं खुली।'

से में बहुत साफ है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सवालों में जो चिंता जाहिर की जा रही है, वह सिर्फ विपक्ष के नेता होने के नाते सवाल खड़ा करना भर नहीं है, बल्कि सच में उन सवालों का जवाब मोदी सरकार के रेल मंत्री ​पीयूष गोयल के बस का नहीं लगता है।

Next Story

विविध