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प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए हिमाचल की तरह दूसरे राज्य क्यों नहीं उठा रहे कदम
हिमाचल ने अलग अलग राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए एक एक नोडल आफिसर नियुक्त कर दिया है। अब जो भी राज्य अपने प्रवासी मजदूरों की जानकारी या फिर उनकी घर वापसी कराना चाहते हैं, यह नोडल अधिकारी इस काम में मदद करेगा...
जनज्वार ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में एक एक नोडल अधिकारी नियुक्ति किया है, यह अधिकारी प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए उस राज्य के अधिकारियों की मदद करेगा। अलग-अलग राज्यों के लिये 11 अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। इसके पीछे हिमाचल सरकार की सोच यहीं है कि प्रवासी मजदूर सही सलामत अपने घरों को वापस चले जाये। उन्हें जाने में किसी तरह की दिक्कत न आये।
हिमाचल में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं। लॉकडाउन की वजह से वह फंसे हुये हैं। उन्हें अपने घरों तक जाना है। लेकिन साधन नहीं मिल रहे। दूसरी ओर उनके गृह प्रदेश की सरकार उन्हें वापस लाना चाहती है। लेकिन मजदूर यहां वहां बिखरे हुये हैं। उनसे कैसे संपर्क किया जाये। इस तरह की समस्या का समाधान करने के लिए हिमाचल ने यह कदम उठाया है।
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मजदूरों के लिए काम करने वाली संस्था परख के प्रवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि यह बहुत बड़ा कदम है। इससे अब मजदूरों की वापसी आसान हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस तरह के कदम दूसरी सरकारों को भी उठाने चाहिये।
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हिमाचल मजदूर मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पवन ठाकुर ने बताया कि मजदूर किसी भी राज्य के विकास में बड़ा योगदान देते हैं। इसलिए उनकी ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिये, लेकिन लॉकडाउन में यदि कोई सबसे ज्यादा परेशान है तो वह है प्रवासी मजदूर। उसकी ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्हें ऐसे ही सड़क पर मरने के लिए धकेल दिया गया है। हिमाचल इसका अपवाद है। यहां इस दिशा में बेहतर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि अब देर हो गयी, इसके बाद भी दूसरे राज्यों को भी इस तरह के कदम उठाने चाहिये। जिससे मजदूर अपने घर आसानी से पहुंच सके।
मजदूरों का कहना है कि वह घर वापसी चाह रहे हैं। इसके लिये अब उनकी सरकार को चाहिये कि इन अधिकारियों के साथ तालमेल बिठा कर उनकी घर वापसी का रास्ता तैयार किया जाए।