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उत्तर प्रदेश

हाईकोर्ट का फैसला, लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं, इससे होता है दूसरे के अधिकारों में हस्तक्षेप

Nirmal kant
16 May 2020 2:30 AM GMT
अलीगढ़ न्यूज : लाउडस्पीकर के मुद्दे पर अलीगढ़ में तनाव की आशंका, एबीवीपी ने इस बात की मांग की, प्रशासन के फूले हाथ पांव
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अलीगढ़ न्यूज : लाउडस्पीकर के मुद्दे पर अलीगढ़ में तनाव की आशंका, एबीवीपी ने इस बात की मांग की, प्रशासन के फूले हाथ पांव 

कोर्ट ने कहा कि जब लाउडस्पीकर नहीं था तब भी अजान होती थी। इसलिए यह नहीं कह सकते कि लाउडस्पीकर से अजान रोकना अनुच्छेद 25 के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 स्वस्थ जीवन का अधिकार देती है...

जनज्वार ब्यूरो, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 15 मई को कहा कि लाउडस्पीकर अजान के समय प्रयोग दूसरे के अधिकारों पर हस्तक्षेप करना है। कोर्ट अजान के समय लाडस्पीकर के प्रयोग से सहमत नहीं है। कहा कि लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है।

शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है। इसलिए लाउडस्पीकर से अजान पर रोक सही है। गाजीपुर जिला के डीएम के अजान पर रोक के निर्णय को गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने चुनौती दी थी तथा हाईकोर्ट से इसमें हस्तक्षेप की मांग की थी।

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कोर्ट ने कहा कि जब लाउडस्पीकर नहीं था तब भी अजान होती थी। इसलिए यह नहीं कह सकते कि लाउडस्पीकर से अजान रोकना अनुच्छेद 25 के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 स्वस्थ जीवन का अधिकार देती है। वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी भी दूसरे व्यक्ति को जबरन सुनाने का अधिकार नहीं देती है। एक निश्चित ध्वनि से अधिक तेज आवाज बिना अनुमति बजाने की छूट नहीं है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून भी है।

कोर्ट ने कहा कि मानव आवाज में मस्जिदों से अजान दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा है कि ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार जीवन के मूल अधिकारों का हिस्सा है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है।

ने मुख्य सचिव को आदेश का सभी जिलाधिकारियों से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने अफजाल अंसारी व फरूखाबाद के सैयद मोहम्मद फैजल की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है।

गाजीपुर से बसपा के सांसद अफजाल अंसारी ने जिलाधिकारी के मस्जिदों में लाकडाउन के दौरान अजान पर लगायी रोक के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। गाजीपुर के साथ ही हाथरस और फरुखाबाद की मस्जिदों में अजान पर लगी रोक को हटाने के लिए याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने मस्जिदों से अजान की अनुमति दी है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति नहीं दी गई है।

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गाजीपुर की मस्जिदों में अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजीपुर के डीएम के आदेश को रद्द करते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर के वगैर अजान की अनुमति दे दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का कोई उल्लंघन नहीं होता। हाई कोर्ट अजान के समय लाउडस्पीकर के प्रयोग से सहमत नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर रोक को वैध माना है।

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार के आयोजनों एवं एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रदेश में रोक लगायी गयी है। लाउडस्पीकर बजाने पर भी रोक है।

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