Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

बेटे-बहू की प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग किसान ने कलेक्ट्रेट में दी जान, डीएम को सौंपी पत्नी की जिम्मेदारी

Prema Negi
6 July 2019 2:00 PM IST
बेटे-बहू की प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग किसान ने कलेक्ट्रेट में दी जान, डीएम को सौंपी पत्नी की जिम्मेदारी
x

बुजुर्ग किसान ने सल्फास खाकर कलेक्ट्रेट में दी जान, यहां लेकर आये थे आवेदन, जिसमें उन्हें और उनकी पत्नी को बेटे-बहू और बहू के परिजनों द्वारा लगातार प्रताड़ित किये जाने का किया था जिक्र और कहा उनकी मौत के बाद पत्नी की जिम्मेदारी उठायें जिलाधिकारी, क्योंकि उनके बेटे-बहू पत्नी को करेंगे प्रताड़ित...

जनज्वार। बुजुर्गों को लेकर हमारा समाज कितना निर्मम और क्रूर होता जा रहा है, यह आये दिन खबरों में सामने आता रहता है। बच्चे बूढ़े होते मां-बाप के प्रति इतने संवेदनहीन और क्रूर हो जाते हैं कि उनकी किसी भी जिम्मेदारी को नहीं उठाना चाहते। कहीं मां बाप की हत्या करने की खबर सामने आती है, तो कहीं उनके साथ रोज होने वाली मारपीट, भूखे रखे जाने और अन्य तरह की प्रताड़ना की खबरें मीडिया में छाई रहती हैं। पिछले साल ही एक बेटे द्वारा अपनी पैरालाइज़्ड बुजुर्ग मां को छत पर ले जाकर धक्का दे जान से मारने का मामला सामने आया था।

सी ही एक घटना सामने आयी है चमकी बुखार में 200 से भी ज्यादा बच्चों की मौतों को लेकर चर्चा में आये बिहार के मुजफ्फरपुर में। यहां कलेक्ट्रेट में एक किसान ने अपने बहू-बेटे की मारपीट और प्रताड़ना से तंग आकर कलेक्ट्रेट में ही सल्फास की गोली खाकर जान दे दी। अपनी जान देने के साथ बुजुर्ग किसान जिलाधिकारी के नाम लिखे सुसाइड नोट में अपनी पत्नी के प्रति चिंचित दिखे, इसीलिए डीएम को लिखा कि मेरी मौत के बाद आप मेरी पत्नी की जिम्मेदारी उठायें।

जानकारी के मुताबिक वीरेंद्र कुमार नाम के एक बुजुर्ग किसान ने 5 जुलाई को सल्फास खासकर जान दे दी। वह यहां एक आवेदन लेकर आये थे, जिसमें उन्होंने उन्हें और उनकी पत्नी को बेटे-बहू और बहू के परिजनों द्वारा लगातार प्रताड़ित किये जाने का जिक्र किया था और कहा था कि उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी की जिम्मेदारी जिलाधिकारी उठायें, क्योंकि उनके बेटे-बहू पत्नी को प्रताड़ित करेंगे।

प्रभात खबर में छपी एक खबर के मुताबिक मुजफ्फरपुर के 55 वर्षीय किसान वीरेंद्र कुमार ने शुक्रवार 5 जुलाई को कलेक्ट्रेट में सल्फास खाकर अपनी जान दे दी। वीरेंद्र कुमार सकरा थाना क्षेत्र के रामीरामपुर गांव के रहने वाले थे। सल्फास खाने की जानकारी होने के बाद नगर थाने की पुलिस वीरेंद्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गयी, जहां स्थिति गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें एसकेएमसीएच रेफर किया, मगर वहां डॉक्टरों नेवीरेंद्र कुमार को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मृत किसान की जेब से पुलिस को जिलाधिकारी के नाम से लिखा एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें उन्होंने अपने बड़े बेटे मधुसूदन आनंद, बहू पूजा आनंद और उसके ससुर मनोज कुमार राय पर उनके और उनकी पत्नी के साथ मारपीट करने और शारीरिक-मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।

टनाक्रम के अनुसार शुक्रवार 5 जुलाई की दोपहर लगभग डेढ़ बजे वीरेंद्र कुमार कचहरी की तरफ से समाहरणालय परिसर में घुसे। यहां आईजी कार्यालय के समीप पहुंचते ही वह जमीन पर गिर गये। गिरते समय लोगों ने देखा कि उनके मुंह से झाग निकल रहा है। वहां मौजूद सिपाही ने इसकी सूचना नगर थाने की पुलिस को दी। पुलिस उन्हें लेकर सदर अस्पताल पहुंची, जहां गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने एसकेएमसीएच रेफर कर दिया, मगर उनकी जान नहीं बचायी जा सकी।

पुलिस ने वीरेंद्र कुमार की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद किया, उसमें लिखा था कि बीते सात सालों से उनका बड़ा बेटा, बहू और बहू के पिता उनके साथ मारपीट करते हैं। प्रताड़ना से तंग आकर वह मजबूरन आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि उनके मरने के बाद उनकी पत्नी को उनके बेटे के पास न रहने दिया जाये, उनकी अंतिम इच्छा है कि जिलाधिकारी उनकी देखरेख करें।

ल्फास खाने के बाद पुलिस को दिए बयान में वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 7 साल से बड़े बेटे-बहू और बहू के परिजनों द्वारा बेवजह उन्हें जिस तरह मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, उससे तंग आकर उन्होंने मौत चुनी है। डीएम को आवेदन देने आने से पहले वह घर से सोचकर आये थे कि आवेदन देने के साथ ही वह सल्फास खाकर अपनी जान दे देंगे। वीरेंद्र कुमार ने ही पुलिस को बताया कि वो सल्फास की दो गोलियां खा चुके हैं।

Next Story

विविध