खुद सुनिए अपने कानों से कि कैसे एक पुलिस अधिकारी और एक पटना सचिवालय का बाबू सरेआम अभ्यर्थियों से लाखों के घूस देने के लिए मजबूर कर रहे हैं और कौन—कौन से उपाय सुझा रहे हैं...
जनज्वार, पटना। बिहार पुलिस में ड्राइवर बनने के लिए अन्य योग्यताओं के साथ आपके पापा जी के पास 8 लाख रुपए घूस देने के लिए होना भी चाहिए जी, नहीं है तो करते रहिए तैयारी, कुछो न होगा, जो होगा उ पैसे से होगा, बुझे कि नाही। फिलहाल बिहार पुलिस में ड्राइवर भर्ती में यही बात सबसे बुलंदी से कही जा रही है और इसी बात का मोल भी है।
बिहार पुलिस में फिर से 700 वाहन चालकों की भर्ती निकली है। पर सवाल यही है कि इस बार वाली भर्ती भी सरकार करेगी या पहले की तरह दलाल? पिछले साल हुई भर्ती तो बिहार पुलिस के दलालों ने की थी, नौकरी का वांट यानी सूचना सिर्फ सरकार ने दी थी। ड्राइवर की नौकरी के लिए 8 लाख रुपए घूस की मांग हो रही थी, जो दे पाए उनकी नियुक्ती हो भी गयी।
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) को इस बार चालक सिपाही के पद पर बहाली की जिम्मेदारी दी गई है। भर्ती के लिए सरकार जल्द ही विज्ञापन निकालेगी। अगर आपके ड्राइविंग लाइसेंस है और आप गाड़ी चलाना जानते हैं तो यह आपके लिए अच्छा मौका है। पर सरकार ने चालक सिपाही की बहाली के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं।
नये नियम के अनुसार पहले लिखित परीक्षा होगी। पहले सिर्फ शारीरिक और वाहन चलाने की परीक्षा होती थी। पिछली बार इसी आधार पर मेरिट तैयार हुआ था जिसमें चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी पाने के लिए 8 लाख रुपए घूस देना पड़ा था।
इस बार भी उसी परंपरा के दोहराए जाने की उम्मीद है। वैसे भी सरकार ने परीक्षा नियमों में बदलाव कर लिखित परीक्षा की व्यवस्था कर घुसखोरी का एक और रास्ता खोल दिया है। क्योंकि यह बात समझ में नहीं आ रही कि सरकार जब लिखित परीक्षा के आधार पर जब मेरिट बनाएगी ही नहीं फिर लेगी ही क्यों?
इस मामले में सरकार का कहना है कि अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा केवल पास करनी होगी। चयन अभ्यर्थी की शारीरिक और वाहन चलाने की परीक्षा के आधार पर होगा। जाहिर है घुसखोरी का एक और रास्ता खुलेगा।
जनज्वार बार—बार घुसखोरी की इसलिए संभावना व्यक्त कर रहा है, क्योंकि पिछली भर्ती में बिना घूस लिए किसी एक अभ्यर्थी का भी चयन नहीं हुआ था। आइए पिछली भर्ती के दो—दो आॅडियो सुनते हैं कि कैसे—कैसे और कितना घूस पुलिस में ड्राइवर भर्ती के लिए लिया गया था।
ऐसे में आप अपने बच्चों की भर्ती के लिए सिर्फ लिखित, शारीरिक और ड्राइवरी क्षमता की तैयारी मत कराइए, बल्कि घुस देने का इंतजाम कर लीजिए। और अगर नहीं देना चाहते हैं तो उपाए सोचिए, क्योंकि सरकार तो सोचने से रही।
पिछली भर्ती में कितना घूस चला था और घूस किस तरह से मांगा गया था, ध्यान से सुनें