बलरामपुर में सांड ने मार डाला एक किसान, गांवों में नहीं आ रहे बछड़ों के खरीददार
योगी सरकार ने हिंदू वोटरों की सांप्रदायिक संतुष्टि के लिए गोरक्षा के नाम पर बछड़ों को कसाई खाने जाने से तो रोक दिया, लेकिन अब वही बछड़े और सांड किसानों की जान ले रहे हैं, किसानों के खेत बर्बाद कर रहे हैं और सरकार बन जाने के बाद योगी के कान पर जू नहीं रेंग रहा...
बलरामपुर से फरीद आरजू की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश, बलरामपुर। गोरक्षा के नाम पर देश में एक तरफ जहाँ हिंसक घटनाये बढ़ रही है ।वहीँ दूसरी तरफ खासकर ग्रामीण इलाकों में आवारा पशु किसानों की फसलों को तबाह कर रहे है। फसलों को बचाने जा रहे ग्रामीणों पर आवारा पशु हमला कर उन्हें मार डाल रहे है।
ताजा मामला यूपी के बलरामपुर जिले का है जहाँ एक छुट्टा सांड ने एक किसान को पटक—पटक मार डाला।
किसान को बचाने गए 2 युवकों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया।
बलरामपुर के बेनीनगर गांव में हुई इस घटना से पुरे इलाके में दहशत का माहौल है और लोग रात में घरों से निकलने से डर रहे हैं।
बलरामपुर के बेनीनगर गांव के सल्टूराम कल जब खेत में काम करने जा रहे थे तभी एक छुट्टा साड़ ने उनपर हमला कर दिया और पटक पटक कर मारने लगा। चीख पुकार सुनकर गाँव को लोग बचाने के लिये दौड़े।सांड ने उन पर भी हमला कर दिया, बचाने गए 2 युवक घायल हो गए।
प्रत्क्षयदर्शियों का कहना है लाख कोशिशों के बावजूद सांड सल्टूराम को तब तक मारता रहा जब तक मौत नहीं हो गयी। बाद में ईंट पथ्थर और पानी की बौछार से गांव वालों ने साड़ को खदेड़ा।
गाँव वालों का कहना है की पिछले 10 दिन में इस छूटटा सांड ने 3 महिलाओं सहित 9 लोगों को अपना शिकार बना चूका है, जिसमें घायल कई लोगों को दर्जनों टाँके तक लग चूके हैं।
इस घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री एसपी यादव ने पीड़ित परिजनों से मुलाक़ात की और उन्हें 10 हजार आर्थिक मदद की। मदद करने पहुंचे मंत्री एपी यादव ने योगी सरकार से मृतक के परिजनों को 10 लाख और घायलों को 1—1 लाख रूपये मुआवजा देने की माग की।
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीण अपने बच्चों को अकेले घर से निकलने नहीं दे रहे है और शाम होते होते गावों में सन्नाटा पसर जाता है।
गौरतलब है कि यह हालाता अकेले बेनीनगर गांव की नहीं है बल्कि इस इलाके के दर्जनों गांवों में अवारा सांडों और बछड़ों का तांडव बढ़ता जा रहा है। बेनीनगर के पीड़ित बताते हैं कि पहले बछड़ों को लोग खरीदने आते थे लेकिन जबसे योगी सरकार ने गौमाता के नाम पर खौफ का माहौल बनाया है तबसे बछड़ों के खरीददार गांव में नहीं आ रहे हैं।
दूसरी तरफ छ: महीने से अधिक के बछड़ों को किसान अवारा छोड़ रहे हैं जिससे आपसी झगड़े और सांडों का तांडव प्रदेश भर में बढ़ता जा रहा है। वहीं योगी सरकार ने गांवों के स्तर पर न गोशाला की व्यवस्था की है, न किसी ग्राम सभा के पास अवारा पशुओं को रखने का कोई इंतजात है।
ऐसे में आने वाले महीनों में बछड़े और सांड प्रदेश में एक बड़ी समस्या बनने वाले हैं, जिसके सर्वाधिक शिकार और पीड़ित हिंदू जनता ही होने वाली है, जिनके नाम पर योगी सरकार और उनके सांप्रदायिक सहयोगियों ने हिंदू वोटरों को बुरबक बनाया है।
(पूर्व मंत्री फोटो में हमले में मारे गए किसान के परिवार को मदद और सांत्वना देते हुए।)