दिल्ली से लौटने के बाद बिजनौर के युवक ने नहीं कराया कोरोना टेस्ट तो चचेरे भाइयों ने बेरहमी से कर दी हत्या
चचेरे भाइयों ने युवक को इसलिए इतनी बेरहमी से पीटा, क्योंकि दिल्ली से लौटने के बाद उसने इसलिए कोरोना टेस्ट नहीं करवाया था कि थर्मल स्क्रीनिंग की रिपोर्ट नेगेटिव थी यानी कोरोना की संभावना नहीं थी...
बिजनौर, जनज्वार। कोरोना की भयावहता और खौफ ने इंसानियत को तो तार—तार किया ही है, रिश्ते भी तार—तार हो गये हैं। कोरोना के खौफ से कई लोग अपने सगे बच्चे को घर में कदम नहीं रखने दे रहे तो गांवों में इसकी वजह से लड़ाइयां आम हो गयी हैं। अब ऐसी ही एक घटना बिजनौर से सामने आयी है, जिससे सब लोग हैरान हैं।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक युवक को उसके चचेरे भाइयों ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गयी। चचेरे भाइयों ने युवक को इसलिए इतनी बेरहमी से पीटा, क्योंकि दिल्ली से लौटने के बाद उसने इसलिए कोरोना टेस्ट नहीं करवाया था कि थर्मल स्क्रीनिंग की रिपोर्ट नेगेटिव थी।
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जानकारी के मुताबिक कथित मृतक मंजीत सिंह दिल्ली से लौटने के बाद कोरोना वायरस का परीक्षण नहीं करवा पाया था। घटना बिजनौर जिले के मलकपुर गांव में हुई। 23 वर्षीय मंजीत सिंह की शुक्रवार 22 मई को मेरठ में इलाज के दौरान मौत हो गई।
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नहटौर थाना के एसएचओ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। खबरों के मुताबिक मंजीत की मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई।
उपचार के दौरान डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस परीक्षण के लिए उनका नमूना एकत्र नहीं किया गया था।
बिजनौर के एडिशनल एसपी संजय कुमार ने कहा, 19 मई को दिल्ली से बिजनौर पहुंचने पर उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की थी। रिपोर्ट नकारात्मक थी, इसलिए उसका नमूना एकत्र नहीं किया गया था।
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एसएचओ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा, "मंजीत की दिल्ली से वापसी के बाद से उसके चचेरे भाई कपिल और मनोज नियमित रूप से उसे अपना परीक्षण करवाने के लिए कह रहे थे। गुरुवार 21 मई को चचेरे भाइयों ने फिर से मंजीत को अपना परीक्षण करवाने के लिए कहा, जिसके बाद उनके बीच एक बहस शुरू हो गई। इसी बहस में चचेरे भाइयों ने मंजीत को मौत के घाट उतार दिया।"
इस बारे में जब बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय यादव से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है।