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राजनीति

दंगल गर्ल का पीएम मोदी से सवाल, आपको सुकून की नींद कैसे आ जाती है

Prema Negi
29 Feb 2020 5:59 PM IST
दंगल गर्ल का पीएम मोदी से सवाल, आपको सुकून की नींद कैसे आ जाती है
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जायरा वसीम बोलीं, मोदी जी सवाल यह होना चाहिए कि आपको रात को सुकून की नींद कैसे आ जाती है यह नहीं कि आप आम कैसे खाते हैं...

जनज्वार। दंगल फिल्म में आमिर खान की बेटी का रोल निभाकर सुर्खियों में आयीं जायरा वसीम एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा का कारण है देश में मच रही भारी पैमाने पर हिंसा के बाद के हालात और दिल्ली में मचे दंगे, जिसमें तकरीबन 50 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 लोगों की हालत काफी खराब है। इसके अलावा लगभग 100 लोग लापता है, उनमें से भी ज्यादातर के मरने की आशंका जतायी जा रही है।

न्हीं तमाम हालातों पर दंगल गर्ल जायरा वसीम ने एक ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जायरा वसीम ने ट्वीट किया है, 'सवाल यह होना चाहिए कि आपको रात को सुकून की नींद कैसे आ जाती है यह नहीं कि आप आम कैसे खाते हैं...'

जायरा वसीम ने देश के मौजूदा हालात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधे-सीधे निशाना साधा है, क्योंकि आम को लेकर उनसे एक इंटरव्यू में सवाल पूछा गया था, जो फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने लिया था और यह मीडिया में काफी चर्चित रहा था।

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जायरा वसीम समय-समय पर तमाम मुद्दों पर तल्ख टिप्पणी करते रहती हैं। पिछले साल जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भी ट्विटर पर उन्होंने टिप्पणी की थी। जायरा वसीम ने कश्मीर के हालात पर रिएक्ट किया था और कश्मीर की हालत पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था। गौरतलब है कि जायरा वसीम अब अपने एक्टिंग कैरियर को अलविदा कह चुकी हैं।

श्मीरी मूल की अभिनेत्री जायरा वसीम की कश्मीर पर लिखी पोस्ट इस वजह से भी ज्यादा चर्चा में रही क्योंकि वह कश्मीरी की रहने वाली हैं। जायरा ने इंस्टाग्राम पर लिखा था, 'कश्मीरी लगातार उम्मीद और कुंठा के बीच जूझ रहे हैं। निराशा और दुख की जगह शांति का झूठ फैलाया जा रहा है। कश्मीरियों की आजादी पर कोई भी पाबंदी लगा सकता है।

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में ऐसे हालात में क्यों रखा जा रहा है जहां हम पर पाबंदियां हैं और हमें हुक्म दिया जा रहा है। आखिर हमारी आवाज को दबा देना इतना आसान क्यों हैं? हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाना इतना आसान क्यों है? हमें अपनी बात कहने और विचार रखने की आजादी क्यों नहीं है? हमारे विचारों को सुने बिना ही उन्हें बुरी तरह खारिज कर दिया जा रहा है। हम बिना किसी डर और चिंता के आम लोगों की तरह क्यों नहीं जी सकते?'

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