दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस ने JNU की दो छात्राओं को किया गिरफ्तार
दिल्ली दंगों से पहले सीएए विरोधी आंदोलन के आयोजन में कथित भूमिका को लेकर जेएनयू की दो छात्राएं गिरफ्तार...
जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली पुलिस ने शनिवार की शाम पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के मामले में जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय की दो छात्राओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार की गईं छात्रा नताशा नरवाल और देवांगना कलिता देश की राजधानी में एक महिला छात्र संगठन पिंजरा तोड़ की सक्रिय सदस्य हैं। डीसीपी (उत्तर पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
23 फरवरी को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सीएए समर्थित रैली के लिए प्रेरित किया था इसके एक दिन बाद पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे। 'पिंजरा तोड़' के एक सदस्य ने बताया कि उनके दो कार्यकर्ता देवांगना कलिता (30) और नताशा नरवाल जेएनयू की छात्रा हैं और उन्हें उनके घरों से गिरफ्तार किया गया है।
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'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जाफराबाद में धरने-प्रदर्शन में बैठने के विरोध में एक एफआईआर पहले दर्ज की गई थी। महिलाओं को आईपीसी की धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना) और 353 (लोकसेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए आपराधिक बल इस्तेमाल करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
बयान में आगे कहा गया, 'पिछले कुछ महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हम राज्य द्वारा लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं और छात्राओं की विच हंटिंग की कड़ी निंदा करते हैं और छात्र समुदाय और लोकतांत्रिक सोच रखने वाले नागरिकों से इस दमन के विरोध में खड़े रहने की अपील करते हैं।'
कलिता सेंटर फॉर वुमेन स्टडीज में एक एमफिल की छात्रा हैं जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में पीएचडी की छात्रा हैं। दोनों 2015 में गठित पिंजरा तोड़ के संस्थापक सदस्य हैं। कलिता और नरवाल ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई क्रमश: डीयू के मिरांडा हाउस और हिंदू कॉलेज से की है।
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पुलिस ने इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की पीएचडी की छात्रा सफूरा जरगर को दिल्ली हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया था। जरगर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। गर्भवती होने के बावजूद जरगर को इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद किया गया है।