जनता कर्फ्यू के दिन भी जारी रहेगा CAA के खिलाफ शाहीन बाग़ में महिलाओं का प्रदर्शन
शाहीन बाग़ में 97 दिनों से चल रहे CAA विरोधी प्रदर्शन पर कोरोना फेक्टर दिखाई नहीं दे रहा है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी की रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील को मानने से भी साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वे रविवार को भी शाहीन बाग में धरना जारी रखेंगे...
जनज्वार। दिल्ली के शाहीन बाग़ में 96 दिनों से चल रहे नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन पर कोरोना फेक्टर दिखाई नहीं दे रहा है, हालाँकि प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस को लेकर प्रदर्शन में कई तरह के बदलाव किये हैं। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी की रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील को मानने से भी साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वे रविवार को भी शाहीन बाग में धरना जारी रखेंगे।
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कोरोना वायरस को लेकर रविवार को लागू किये गए जनता कर्फ्यू को लेकर शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों ने तय किया है कि रविवार के दिन महिलाएं दो दो के समूह में बैठेंगी। कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर शाहीन बाग़ में सड़क पर धरना दे रहे प्रदर्शनकरियों के लिए लकड़ी की चौकियों की व्यवस्था की गई है। ये चौकियां थोड़ी थोड़ी दूरी पर लगाई गई हैं। शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों के लिए करीब सौ चौकियां लगाई गई हैं और एक चौकी पर दो से अधिक महिलाएं नहीं बैठेंगी।
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इतना ही नहीं प्रदर्शन में शामिल महिलाएं मास्क का भी इस्तेमाल कर रही हैं और उन्हें सेनेटाइजर्स भी दिए गए हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए प्रदर्शन में बच्चो को लाने की साफ़ मनाही की गई है। प्रदर्शन स्थल को भी सेनेटाइज करने के लिए दवा का छिड़काव किया गया है। वहीं, कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए शाहीनबाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंद किशोर गर्ग ने याचिका दाखिल की है।
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याचिका में कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट से लेकर सभी अदालतों में कोरोना के प्रभाव से बचने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमाघर सब बंद हैं। ऐसे में धरने-प्रदर्शन की कैसे इजाजत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से प्रदर्शन खत्म करने के आदेश दिए जाएं।