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आंदोलन

सांप्रदायिकता को राष्ट्रवाद की खोल में पेश करने में मीडिया को मिल चुकी है महारत

Prema Negi
7 March 2019 1:45 PM IST
सांप्रदायिकता को राष्ट्रवाद की खोल में पेश करने में मीडिया को मिल चुकी है महारत
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सीमा पर तनाव पैदा करना सत्ताधारी वर्ग का जनजीवन की बदहाली से ध्यान भटकाने का पुराना तरीका है और वर्तमान में सत्ताधारी वर्ग का महाषड्यंत्र। इससे आम जनता को आगाह करना होगा...

जनज्वार। देवरिया जनपद के कहांव गाँव स्थित जैन मंदिर परिसर में 'समान शिक्षा आंदोलन' के तत्वावधान में 6 मार्च को एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। विषय था 'वर्तमान राजनीति में चुनावी मुद्दों का सवाल'।

गोष्ठी के माध्यम से वक्ताओं ने हवाई और आरोपित मुद्दों के माध्यम से लोगों को गुमराह होने से बचाने एवं समान शिक्षा, सबको रोजगार या निर्वाह योग्य बेरोजगारी भत्ता दिलाना, गरीबी और अमीरी की बढ़ती खाई को कम करने के लिए देशी विदेशी पूंजीपतियों की लूट वाली नीतियों से देश को मुक्त कराने के मुद्दों को बहस के केंद्र में रखने के लिए सभी जागरूक नागरिकों को मुखर होकर आगे आने की अपील की।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संजयदीप कुशवाहा ने कहा, यह दुखद है कि देश को गर्त में ले जाने वाली एवं गैर बराबरी पैदा करने वाली नीतियों पर चर्चा न करते हुए 'मोदी बचाओ' 'एवं 'मोदी हटाओ 'को चुनावी चर्चा के केंद्र में रखा जा रहा है। समाज एवं राजनीति व्यक्तियों से नहीं नीतियों से चलते हैं।

समान शिक्षा आंदोलन के नेता अनिल शर्मा ने कहा, आगामी चुनाव जनता के मुद्दों पर होना चाहिए, शेर और गीदड़ के नाम पर नहीं। गुड्डू चौधरी ने कहा, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार मीडिया ने सांप्रदायिकता को राष्ट्रवाद की खोल में प्रस्तुत करने में कामयाबी हासिल की है। वहीं सत्यप्रकाश ने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना ठीक नहीं है।

गोष्ठी में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए पंचायत प्रतिनिधि महासंघ के नेता डॉक्टर चतुरानन ओझा ने कहा कि आज हमारे सामने समान शिक्षा, रोजगार और समाजवादी आर्थिक नियोजन को बहस एवं संघर्ष के केंद्र में बनाए रखने की चुनौती है। सीमा पर तनाव पैदा करना सत्ताधारी वर्ग का जनजीवन की बदहाली से ध्यान भटकाने का पुराना तरीका है और वर्तमान में सत्ताधारी वर्ग का महाषड्यंत्र। इससे आम जनता को आगाह करना होगा।

संगोष्ठी को सुनील मौर्या, अखिलेश चौधरी, दीपंकर कुशवाहा, प्रदीप कुशवाहा, जैनेंद्र कुशवाहा, अजीज अंसारी, रियाज अंसारी, तारकेश्वर यादव, सिकंदर यादव, लालजी प्रसाद, चंद्रिका प्रसाद, भरत कुशवाहा समेत कई अन्य लोगों ने संबोधित किया।

गोष्ठी का संचालन करते हुए अनिल शर्मा ने वर्तमान राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "तेरा निज़ाम है झूठी जम्हूरियत की तरह, तू एक गलीज सी गाली से बेहतरीन नहीं...'

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