Begin typing your search above and press return to search.
जनज्वार विशेष

Exclusive : कोरोना के लॉकडाउन में भी इस राज्य के सभी शहरों में खुले हैं शराब के ठेके

Prema Negi
25 March 2020 8:11 PM IST
Exclusive : कोरोना के लॉकडाउन में भी इस राज्य के सभी शहरों में खुले हैं शराब के ठेके
x

नशा मुक्त समाज अभियान के संयोजक रोहताश कुमार ने बताया कि लॉक डाउन में प्रशासन की ओर से सिर्फ यहीं कहा गया कि आवश्यक वस्तुओं की दुकान ही खुली रहेगी। अब शराब भी इस में आवश्यक वस्तु हो गयी...

मनोज ठाकुर की ​रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कोराेना को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित लाॅकडाउन के पहले दिन सब कुछ बंद रहा। लेकिन यह असर शराब के ठेकों पर नजर नहीं आया। हरियाणा के हर जिले में शराब के ठेके खुले हुए हैं।

शा मुक्त समाज अभियान के संयोजक रोहताश कुमार ने बताया कि लॉक डाउन में प्रशासन की ओर से सिर्फ यहीं कहा गया कि आवश्यक वस्तुओं की दुकान ही खुली रहेगी। अब शराब भी हरियाणा में आवश्यक वस्तु हो गयी। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि एक ओर तो लोगों को आवश्यक सामान के लिए मारे मारे घूमना पड़ रहा है। चीजों के दाम डबल कर दिये गये हैं। शराब की दुकानों पर हरियाणा सरकार की यह मेहरबानी समझ से परे हैं।

संबंधि​त खबर : पंजाब में कोरोना कर्फ्यू जारी, हरियाणा में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर होगी 6 माह की सजा

धर गुडगांव में आवश्यक सामान बनाने वाली इंडस्ट्री को चलाने की परमिशन के लिए कोई सिस्टम नहीं बनाया गया है । इसके लिए सिर्फ एमसीजी के ऑफिस में ही पास की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन पास अप्लाई करने का कोई सिस्टम नहीं है। अब अगर किसी इंडस्ट्री वाले को अपने कुछ कर्मचारियों का पास बनवाना है तो वह एमसीजी ऑफिस तक कैसे जाएगा।

में गार्ड की नौकरी करने वालों को भी जाने नहीं दिया जा रहा। इससे इंडस्ट्री की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं । कम से कम इंडस्ट्री के लेटर पैड के ऊपर सुरक्षा गार्डों को कंपनी में जाने की परमिशन मिलनी चाहिये। पुलिस वाले आवश्यक सामान बनाने वाली कंपनियों के अधिकतर कर्मचारियों और वर्करों को इंडस्ट्रियल एरिया में नहीं जाने दे रहे। इससे उद्योगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

संबंधि​त खबर : पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में सुबह से लॉकडाउन

सी तरह से करनाल, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में भी लोगों को सामान को लेकर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि करियाना की दुकान बंद है। दूध की भी किल्लत आ रही है। आज तो पहला दिन है, आने दिनों में क्या होगा? यहीं सवाल लोगों के सामने खड़ा हो रहा है।

डवोकेट राकेश ढुल ने कह कि जब सरकार शराब की दुकानों को खुला रखने की इजाजत दे सकती है, फिर करियाना और दूसरी आवश्यक वस्तुओं की दुकान भी बंद क्यों करा दी गयी है। यहां भी इसी तरह की व्यवस्था कर दी जाए कि भीड़ न हो। कम से कम इससे लोगों को खाने पीने की चीजों की किल्लत का सामना तो नहीं करना पड़ेगा।

मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने सभी मंडल आयुक्तों, जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि 21 दिनों तक राज्य में पूरी तरह से लॉकडाउन होने की स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही में किसी प्रकार की कोई समस्या न आए और आज शाम तक घर-घर तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था तैयार की जाए। इसके अलावा, सभी पुलिसकर्मी जो मौके पर मौजूद हैं, वे सोशल डिस्टेसिंग का पालन अवश्य करें परंतु आवश्यक वस्तुओं की खरीद करने जा रहे आम लोगों को न रोकें और उन्हें पूरी चैकिंग के साथ आने-जाने दिया जाए।

संबंधि​त खबर : परीक्षाओं में नकल के लिए बिहार तो बस बदनाम, हरियाणा के हालात तो इससे भी खराब

धर हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी केसनी आनंद अरोड़ा ने डीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी लोगों को उनके घरों तक जरूरत का सामान पहुंचाया जाये। दूध की आपूर्ति सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ानने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने का कि डीसी को बोला गया कि वह अपने जिलों के व्यापारियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं से संपर्क में रहें ।

वस्तुओं के स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किराने और दवाईयों की दुकानें खुली रखें। और इनके लिए किसी प्रकार का समय निर्धारित न करें। यदि निर्धारित समय में ये दुकानें खुलेंगी तो लोगों की भीड़ इकट्ठा होती रहेगी, इसलिए भीड़ को रोकने के लिए इन दुकानों को जितना हो सके उतनी देर तक खुली रहने दी जाएं और रात के समय भी इन दुकानों को खोला जाए, ताकि लोग एक समय में इकट्ठा न होकर आराम से इन आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर सकें।

चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि सब्जी उत्पादकों को मंडी तक आने दिया जाने के आदेश दिये गये हैं। वापिस जाते समय एक पास या पत्र दिया जाए ताकि खाली गाड़ी को पुलिसकर्मी न रोकें।

लेकिन दूसरी ओर हालात यह है कि जिलों में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। इस वजह से लोगों को पहले ही दिन खासी दिक्कत आ रही है।

Next Story

विविध