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समाज

'वो परिवार जिसने गरीबी में अपनी जान दे दी, क्या आपको उनके घर पर जाना है'

Nirmal kant
18 Feb 2020 3:04 PM GMT
वो परिवार जिसने गरीबी में अपनी जान दे दी, क्या आपको उनके घर पर जाना है
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वाराणसी में पंखा कारोबारी ने पत्नी और दो बच्चों संग की खुदकुशी, पुलिस ने कहा खुदकुशी करने से पहले आया था फोन कॉल...

वाराणसी से रिजवाना तबस्सुम की रिपोर्ट

जनज्वार। वाराणसी के जिस पड़ाव क्षेत्र से रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी करोड़ों रुपए की योजनाओं का शिलान्यास कर रहे थे, उसी समय उनके कार्यक्रम स्थल से करीब 4 किलोमीटर दूर आदमपुर थाना क्षेत्र के नचनी कुंआ (मुकीमगंज) में चार दिन से सन्नाटा पसरा हुआ था। पीएम मोदी के शहर में होने के जरा भर भी यहां खुशी नहीं थी। यहां के लोग ना तो ज्यादा किसी से बात कर रहे हैं ना तो हंस रहे हैं और ना ही ज्यादा शोर कर रहे हैं। वजह साफ है, चार दिन पहले यहां के पंखा कारोबारी चेतन तुलस्यान ने अपनी पत्नी और दो बच्चों संग आत्महत्या कर ली है।

वाराणसी रेलवे स्टेशन से करीब 15 किलोमीटर दूर मच्छोदरी तक आटो से जाने के बाद आपको नचनी कुआं तक पैदल जाना है। यहां से लगभग दो किलोमीटर तक का पैदल का रास्ता है। गलियों में सन्नाटा है, बच्चे शांत बैठे हैं, बुजुर्ग माथे पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं। इस रास्ते से गुजरते हुए एक बुजुर्ग शांतिलाल से मृतक चेतन तुलस्यान का घर पूछने पर शांतिलाल बताते हैं, 'वो जिन्होने गरीबी से अपनी जान दे दी है उन्हीं के घर पर जाना है?, हाँ में जवाब देने पर शांतिलाल कहते हैं, 'दो गली के बाद मंदिर के दो घर के आगे उनका घर है।'

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चेतन तुलस्यान के बारे में 62 साल के बुजुर्ग शांतिलाल से पूछने पर पहले तो वो बिलकुल शांत हो जाते हैं, फिर कुछ मिनट की खामोशी के बाद कहते हैं, 'जब इंसान अपना और अपनों का पेट नहीं भर पाएगा तो क्या करेगा? या तो वो भीख मांगे या तो जान दे। अगर वो इंसान भीख नहीं मांग पाएगा तो अपनी जान ही देगा ना।' इतना कहते ही शांतिलाल अपना सर जमीन की तरफ झुका लेते हैं और खामोश हो जाते हैं।

दो गली आगे जाने के बाद हम चेतन तुलस्यान के घर पर पहुंचते हैं। चेतन तुलस्यान के आस पड़ोस के लोग घर के बाहर बैठे हुए थे। लोग खुद में बातें कर रहे थे लेकिन फिर भी यहां एक अजीब सी खामोशी थी। वहां पहुंचते ही सब लोग हमारी तरफ देखने लगते हैं। जैसे ही चेतन तुलस्यान का नाम लेते हैं, लोग बिना कुछ बोले उनके घर की तरफ इशारा करते हुए बता देते हैं।

स समय हम उस घर में हैं जहां पर चार लोगों ने अपनी जान दे दी है। इस समय घर में मात्र दो लोग दिखाई दे रहे हैं। ये लोग पूजा करने की तैयारी में लगे हुए हैं और कोई भी शख्स यहां पर दिखाई नहीं दे रहा है। हो सकता है कि घर के दूसरे फ्लोर पर लोग हों लेकिन यहां पर केवल दो व्यक्तियों का होना कई सवाल खड़े करते हैं। यहां यह भी बता दें कि ये जो दो शख्स दिखाई दे रहे हैं इनकी उम्र 35 से 40 के बीच की है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें से कोई भी व्यक्ति चेतन तुलस्यान के पिता नहीं है।

र में पहुंचने पर कुछ लोग होते हैं, जो दीया बना रहे हैं, पूछने पर मालूम चलता है कि वो पूजा करने की तैयारी कर रहे हैं। उनसे बात करने की गुजारिश करते हैं लेकिन वो हाथ जोड़कर कहते हैं, 'अभी हमारी स्थिति किसी से बात करने लायक नहीं है, हमें माफ कर दीजिए, हम कुछ बात नहीं कर पाएंगे।'

चेतन तुलस्यान के मां-बाप की स्थिति और उनसे बात करने के लिए कहने पर, 'वो (जो दिया बना रहे हैं) खामोश रहते हैं थोड़ी देर वहां एक खामोशी छाई रहती हैं। इसके बाद कहते हैं, 'आप प्लीज़ हमारी दिक्कत समझिए, हम कैसे बताएं आपको, बात करना मुमकिन नहीं है। उनके बारे में पूछने पर वो कहते हैं, 'वो मृतक के रिश्तेदार हैं।

पीएम मोदी के संसदीय वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र के नचनी कुंआ (मुकीमगंज) में चेतन तुलस्यान परिवार के साथ रहते थे। मकान के निचले तल पर माता पिता और ऊपर पत्नी ऋतु, बेटा हर्ष (17) और बेटी हिमांशी (15) के साथ खुद रहते थे। घर में काला पंखा असेम्बल करने का काम होता था। दो बच्चों के साथ पति-पत्नी ने शुक्रवार की सुबह आत्महत्या कर ली। मरने से पहले बिजनेसमैन चेतन तुलस्यान ने डायल 112 पर पुलिस को बताया कि वह परिवार समेत जान देने जा रहा है जब तक पुलिस पहुंची चारों ने जान दे दी थी।

पुलिस के अनुसार सुबह करीब चार बजे पुलिस को डायल 112 पर कारोबारी चेतन ने फोन कर बताया कि वह परिवार के साथ खुशकुशी करने जा रहे हैं। पुलिस उनके घर पहुंची। पुलिस ने मकान का दरवाजा खुलवाकर बिजनेसमैन चेतन के बारे में पूछा तो उसके पिता ने कहा कि ऊपर छत वाले कमरे में लोग सो रहे हैं। पुलिस ऊपर छत के कमरे में देखा तो एक एक कमरे में पति चेतन, पत्नी ऋतु फंदे से लटक रहे थे। दूसरे कमरे में बेटे हर्ष और बेटी हिमांशी का शव बिस्तर पर पड़ा था।

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वाराणसी के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि पुलिस को सूचना देकर परिवार ने आत्महत्या की। एसएसपी ने कहा कि 100 नंबर की सूचना पर ही पुलिस को पता लगा। 4 पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला है। मृतकों में दो बच्चे और पति- पत्नी है। बच्चों का शव दूसरे कमरे में और पति पत्नी का शव दूसरे कमरे में फांसी पर लटकता मिला। मौके का मुआयना करके जांच का आदेश दिया गया है।

चेतन तुलस्यान के कमरे से बरामद सुसाइड नोट उनकी पत्नी ऋतु ने लिखी थीं। चेतन के अनुसार, आंखों से कम दिखाई देने के कारण उसने सुसाइड नोट ऋतु से लिखवाया था। फोरेंसिक टीम के अनुसार, सुसाइड नोट इत्मीनान से और अलग-अलग दिनों में पेन और स्केच से लिखा गया है।

सुसाइड में चेतन तुलस्यान की पत्नी ऋतु ने लिखा कि तकरीबन 20 साल पहले शादी कर बनारस आई तो परिवार जितना खुशहाल बाहर से दिखता था, अंदर से वैसा नहीं था। बनारस में कभी भी खुश नहीं रह सकी। शादी के बाद पता लगा कि पति आंखों की कम होती रोशनी की लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं। पति की बीमारी बढ़ने के साथ ही घर में उनकी स्थिति कमजोर होती चली गई।

लिखते हुए ऋतु बताती हैं, 'सास और ससुर ने कभी हमारी समस्याएं समझने की कोशिश नहीं की। ससुराल में हमेशा सौतेला व्यवहार हुआ और चेतन की बीमारी के प्रति उनके मां-बाप कभी गंभीर नहीं दिखे। तमाम तरह की तकलीफों, परेशानियों और दुख की वजह से प्यारे बच्चों और पति के साथ दुनिया छोड़ने का निर्णय ले रही हूं।'

स बारे में बात करने पर चेतन तुलस्यान के एक पड़ोसी बताती हैं, 'उन लोगों को आर्थिक समस्म्या थी ये तो सबको मालूम है लेकिन इतनी दिक्कत होगी कि वो आत्महत्या कर लेंगे।' नाम पूछने पर मना कर महिला पड़ोसी बताती हैं, 'ऋतु बहुत ही अच्छी और सीधी औरत थीं। हमेशा अपने काम से काम रहती थीं। कभी भी उनकी किसी से कोई बहस नहीं हुई।

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सी क्षेत्र के रमेश नाम के व्यक्ति बताते हैं, 'चेतन को हम कई सालों से जानते हैं। वो बहुत ही कम बोलते थे। हमेशा काम में ध्यान लगाते थे। पिछले कुछ समय से वो परेशान थे लेकिन कभी कुछ कहते नहीं थे।' अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए रमेश कहते हैं, 'उनकी समस्या इतनी बढ़ गई थी कि वो और पूरा परिवार आत्महत्या कर लेंगे, ये बिलकुल अंदाजा नहीं था।'

बेटा हर्ष और बेटी हिमांशी के बारे में पड़ोसी बताते हैं, 'उनके बच्चे अपने काम और अपनी पढ़ाई से मतलब रखते थे, किसी से ना ज्यादा बोलना ना किसी से बहस करना। अपने काम से काम। बच्चे तो पढ़ाई के अलावा और किसी काम से बाहर नहीं निकलते थे। पड़ोसी ये भी बताती हैं, 'बच्चे इतने मासूम और सीधे की क्या ही कहा जाय।'

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