किसान नहीं चुका पाया बैंक का कर्ज तो पुलिस ने किया पत्नी को गिरफ्तार, पति ने फांसी के फंदे पर झूलकर दी जान
नीरव मोदी, विजय माल्या समेत दर्जनों ऐसे नाम हैं जिन्होंने हजारों-हजार करोड़ के बैंक स्कैम किये और उसके बाद देश छोड़कर भागने के बाद विदेशों में ऐश से रह रहे हैं। दूसरी तरफ एक गरीब किसान द्वारा लोन न चुकाने पाने पर पुलिस उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर ले जाती है, जिससे परेशान होकर वह आत्महत्या जैसा कदम उठा लेता है...
जनज्वार। एक तरफ जहां सरकार पूंजीपतियों के भारी-भरकम कर्ज माफ करते जा रही है, वहीं गरीब किसान-मजदूर बैंकों का मामूली कर्ज नहीं चुका पाने पर जान देने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के रेवाड़ी में सामने आया है, जहां बैंक कर्ज में दबा किसान जब कर्ज लौटा नहीं पाया तो पुलिस उसकी पत्नी को गिरफ्तार करके ले गया, जिससे सदमे में आकर किसान ने फांसी पर लटककर अपनी जान ले ली।
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गौरतलब है कि हरियाणा के रेवाड़ी स्थित रामपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले अमर सिंह ने 2013 में पंजाब नेशनल बैंक से लोन लिया था, जिसकी बकाया रकम 1 लाख 44 हजार थी। बैंक का लोन नहीं चुका पाने के कारण कोर्ट के आदेश पर 13 फरवरी को किसान अमर सिंह की पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पत्नी की गिरफ्तारी से अमर सिंह बहुत परेशान हो गया और फांसी के फंदे पर झूलकर उसने 13 फरवरी को ही आत्महत्या कर ली।
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इस मामले में जनज्वार से हुई बातचीत में डीएसपी हंसराज कहते हैं, कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आत्महत्या करने वाले किसान अमर सिंह की पत्नी को लोन न चुका पाने के चलते गिरफ्तार किया था। पहले लीगल नोटिस, फिर समन जारी करने के बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसका पुलिस ने पालन किया। बाकी यह कोर्ट को देखना चाहिए था कि वह किसके खिलाफ वारंट जारी कर रहा है। पुलिस तो सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रही थी। हमने इस मामले में उनके परिजनों की शिकायत पर रेवारी पुलिस के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसकी जांच की जा रही है।'
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एसएचओ रामपुरा भारत भूषण जनज्वार से हुई बातचीत में कहते हैं, 'मृतक किसान अमर सिंह ने पंजाब नेशनल बैंक से लोन लिया था, जिसे नहीं भरा गया था इसलिए बैंक ने इस मामले में किसान पर केस दर्ज कर दिया था। 2013 में अमर सिंह और उसकी पत्नी दोनों ने 80—80 हजार का लोन लिया था, जिस लोन की कुल रकम अब 1 लाख 44 हजार बकाया थी। कोर्ट ने अमर सिंह के नाम पर भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसकी तारीख 31 मार्च थी। उससे पहले ही यह दुर्घटना हो गयी।'
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गौरतलब है कि केंद्र की मोदी और हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों के कल्याण के लिए तमाम दावे और वादे करती रहती है, मगर इस घटना ने उसकी किसान कल्याणकारी छवि की पोल खोलकर रख दी। सवाल है कि देशभर में जब किसान और गरीब इंसान बैंकों का लोन न चुका पाने के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठा लेता है तो बड़े-बड़े पूंजीपति आखिर कैसे सीना चौड़ा करके घूमते हैं, क्यों नहीं सरकार इनके खिलाफ कोई ऐसी कड़ी कार्रवाई करती जिससे ये बैंकों का लोन चुका दें।
नीरव मोदी, विजय माल्या समेत दर्जनों ऐसे नाम हैं जिन्होंने हजारों-हजार करोड़ के बैंक स्कैम किये और उसके बाद देश छोड़कर भागने के बाद विदेशों में ऐश से रह रहे हैं। दूसरी तरफ एक गरीब किसान द्वारा लोन न चुकाने पाने पर पुलिस उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर ले जाती है, ताकि वह आत्महत्या जैसा कदम उठा ले।
गौरतलब है कि किसान की पत्नी की गिरफ्तारी का आदेश माननीय कोर्ट की तरफ से जारी किया गया था और उसी के आदेश का पालन करने के लिए पुलिस लोन न चुका पाने की ऐवज में किसान की पत्नी को अपने साथ गिरफ्तार कर ले गयी। पत्नी की गिरफ्तारी से परेशान किसान पति को जब कर्ज चुकाने का कोई उपाय न सूझा तो उसने फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली।
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गौरतलब है कि किसान की आत्महत्या की खबर तहसीलदार को फोन पर दे दी गयी, मगर बावजूद इसके एम्बुलेंस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। बाद में पुलिस जिप्सी में किसान के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गयी। इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि गुरुवार 13 जनवरी को बैंक में रुपये जमा करवाये जाने थे, मगर उससे पहले ही पुलिस किसान की पत्नी को पकड़कर ले गयी, जिस कारण उसने अपनी जान ले ली। इस घटना के बाद ग्रामीणों में पुलिस के लिए प्रति काफी गुस्सा देखने को मिला।