कोरोना वायरस से झारखंड में पहली मौत, एक ही दिन में बढ़े 9 मामले
झारखंड में कल रात ही कोरोना के नौ नए मरीज मिले थे जिनमें पांच रांची व चार बोकारो के हैं, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि नए मामलों से हालात चुनौतीपूर्ण जरूर हुए हैं, लेकिन बेकाबू नहीं हैं...
बोकारो से राहुल सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। झारखंड के बोकारो में कोरोना से पहली मौत हुई है। बोकारो के गोमिया के एक 75 वर्षीय पुरुष की कल देर रात बोकारो जनरल हाॅस्पिटल में इलाज के दौरान कोरोना वायरस से मौत हो गयी। इसके बाद उस व्यक्ति के घर पर आज मेडिकल टीम जांच के लिए सैंपल लेने पहुंची है। बोकारो के उपायुक्त मुकेश कुमार ने कोरोना से राज्य में हुई इस पहली मौत की पुष्टि की है।
बोकारो के सिविल सर्जन अशोक कुमार पाठक ने कहा कि कल देर रात में उस शख्स की मौत हो गयी थी। उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। मृत बुजुर्ग गोमिया के साड़म गांव के रहने वाले थे। चार दिन पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मेडिकल टीम यह पड़ताल कर रही है कि उस सख्स में सक्रमण कैसे हुआ।
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वहीं बोकारो में चार नए मामले चंद्रपुरा प्रखंड के तेलोगांव के हैं, जहां जिले की पहली कोरोना पीड़ित महिला मरीज मिली थी। वह महिला बांग्लादेश से वायुमार्ग से रांची होते हुए 15 मार्च को बोकारो लौटी थी। उसके साथ चार और लोग थे। बाद में इन्हें क्वारंटाइन किया गया व गांव के 20 ब्लड व स्वाब की जांच करायी गयी।झारखंड में वर्तमान में कोरोना के 13 चिह्नित मरीज हैं, जिनमें दो बच्चे भी हैं।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि नए मामलों से हालात चुनौतीपूर्ण जरूर हुए हैं, लेकिन बेकाबू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में चुनौतियां हैं और झारखंड इस मामले में अभी भी पीछे है। उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ित के संपर्क में जो लोग आए होंगे उनका सैंपल लेकर सख्ती से आगे की कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।
कल रात नौ नए केस आने से पहले राज्य सरकार ने जारी बुलेटिन में बताया था कि अबतक 1315 सैंपल की सूबे में जांच करायी गयी है, जिनमें चार पाॅजिटिव केस हैं और अन्य जांच प्रोसेस में है। इस बुलेटिन के बाद नौ नए केस सामने आए। झारखंड के पहले चरण के चार कोरोना केस में दो रांची के, एक हजारीबाग के और एक बोकारो के थे।
झारखंड में कोरोना के मामले लेट से आने शुरू हुए, लेकिन उसकी संख्या में गुणात्मक वृद्धि से सरकार व मेडिकल टीम दोनों चिंतित है। कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के वरिष्ठ डाॅक्टरों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें सभी डाॅक्टरों ने एक स्वर में उन्हें लाॅकडाउन को बढाने की सलाह दी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 13 अप्रैल को इस मामले में फैसला लेंगे।
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डाॅक्टरों ने कहा कि जिन देशों में कोरोना पर काबू पाया गया वहां लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया गया। डाॅक्टरों ने सीएम हेमंत सोरेन को यह भी सलाह दी कि राज्य को जो जगह कोरोना हाॅटस्पाॅट हैं, वहां कर्फ्यू लगाया जाए। डाॅक्टरों ने एंटी बाॅडी टेस्ट कराने, कोरोना जांच का दायरा और बढाने व सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने व मास्क पहनने को अनिवार्य करने की सलाह दी।
वहीं मुख्यमंत्री ने तय किया है कि सरकार डाॅक्टरों की एक परामर्श टीम बनाएगी और इसके लिए आइएमए से नाम मांगा गया है। यह टीम सरकार को कोरोना से मुकाबले के उपायों को लेकर सरकार को सुझाव देगी।
राज्य सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर लाॅकडाउन खुलने के बाद दूसरे राज्यों व महानगरों में फंसे राज्य के सात लाख श्रमिक वापस आ गए तो हालात बेकाबू हो सकता है और सूबे के तीसरे व चौथे चरण में प्रवेश करने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में सरकार जो श्रमिक जहां फंसे हैं, उनसे वहीं रहने का लगातार आग्रह कर रही है और उन्हें वहां जरूरी सुविधाएं पहुंचा रही हैं।
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वहीं झारखंड में गरीबों को भोजन उपलब्ध कराना हमेशा से एक चुनौती रहा है। ऐेसे में शहरों में सीएम किचन व दाल भात केंद्र शुरू किए गए हैं, जबकि ग्रामीणों इलाकों में दीदी किचन शुरू किया गया है, जहां सभी जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है, ताकि भुखमरी के मामले दर्ज न हो पाएं। ध्यान रहे कि कोरोना लाॅकडाउन के दौरान राज्य में भूख से दो मौत के मामले सामने आए, जिसमें एक बोकारो का और एक गढवा का है। जनज्वार ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
सूबे में कोरोना से भले ही आज पहली मौत हुई हो, लेकिन कोरोना जनित परिस्थिति से पांच लोगों की मौत पहले ही हो गयी है। इनमें भूख से दो मौत के मामले व अफवाह व संदेह जैसी वजहों से तीन मौतें हुई हैं।