मोदी जी की नोटबंदी के चलते एक साल में आयात 23 प्रतिशत बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये से ऊपर चला गया। पूरी दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने इस तरह का विनाशकारी कदम उठाया है, जिससे हमारी 80 प्रतिशत करेंसी का सफाया हो गया...
दिल्ली। एक तरफ जहां मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर इसको सरकार का सही कदम ठहराते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट पर इसे जमकर सहारा, वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने नोटबंदी को पूरी तरह असफल करार देते हुए कहा कि यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल थी।
हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली कांग्रेस को लताड़ते हुए नोटबंदी को अपनी सरकार की सफलता करार देते हुए यह कहने से भी नहीं चूके कि 8 नवंबर, 2016 जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी, वह भारतीय अर्थव्यस्था का ऐतिहासिक क्षण था। सरकार ने जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नोटबंदी की थी, वह पूरे होते नजर आ रहे हैं।
वहीं दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों का प्रचार कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे सबसे बड़ी असफलता करार देते हुए कहा, मैंने जो संसद में कहा था, उसे दोहराता हूं। यह एक संगठित और वैधानिक लूट थी।'
इतना ही मनमोहन सिंह ने जीएसटी पर भी सरकार को जमकर खींचा। मनमोहन सिंह ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है। छोटे उद्यमी तो इससे उबर ही नहीं पाए। 8 नवंबर असल में उस विनाशकारी नीति की सालगिरह है, जो जनता पर जबरन थोपी गई है। सच कहें तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था समेत हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी काला दिन साबित हुआ है।
हालांकि राजनीतिक विश्लेषक भी समय—बा—समय आंकड़ों के जरिए यह गिनवा चुके हैं कि नोटबंदी के जो फायदे हमारे पीएम महोदय ने गिनाए थे उनमें से एक भी फायदा सामने नहीं आ पाया, हां कुपरिणाम जरूर सामने हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और जीएसटी को जनता के साथ मजाक करार देते हुए कहा कि इसी के चलते एक साल के अंदर आयात 23 प्रतिशत बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये से ऊपर चला गया। पूरी दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने इस तरह का विनाशकारी कदम उठाया है, जिससे हमारी 80 प्रतिशत करेंसी का सफाया हो गया।