गुजरात में 30 लाख बेरोजगार, कांग्रेस देगी 4 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता
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कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में रखेगी महिलाओं और युवाओं पर प्राथमिकता, पटेल आरक्षण का करेगी वादा, सस्ते घर दिलाने की भी होगी घोषणा, साथ में होगा टैक्स दरों का कम करने का वादा भी और रसोई गैस सस्ती करने का वचन
जनज्वार, अहमदाबाद। अब चुनाव प्रचार में केवल 12 दिन बचे रह गए हैं, ऐसे में कांग्रेस की कोशिश है कि जो माहौल इस बार कांग्रेस के पक्ष में बनता दिख रहा है, वह बूथ तक पहुंचने के समय तक बना रहे। यही वजह है कि कांग्रेस लगातार महिलाओं और युवाओं पर फोकस करने की कोशिश में जुटी हुई है। इस बार का कांग्रेसी चुनावी घोषणा पत्र भी उसी के आसपास केंद्रित रहने की उम्मीद है।
गुजरात चुनाव 2017 में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स में छपी अटकलों को लेकर जब जनज्वार ने कांग्रेस नेताओं से इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की तो उन्होंने अखबार की खबर को पुष्ट किया। अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि कांग्रेस के अगले हफ्ते जारी होने वाले घोषणापत्र में पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगारों को 4 हजार, ग्रेजुएट को 3500 और इंटर पास को 3 हजार रुपए दिया जाएगा।
माना जा रहा है कि अगले महीने 9 और 18 दिसंबर को होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस अगले हफ्ते घोषणा पत्र जारी करेगी। घोषणा पत्र को देरी से जारी करने की वजह के बारे में एक कांग्रेस नेता का कहना है कि एक तरफ हमें सभी जातियों को साधना भी है और हार्दिक पटेल को दिल और दिमाग से अपने साथ जोड़े रखने की रणनीति को भी अमल में लाना है। ऐसे में घोषणा पत्र जारी करने का सही समय होना बहुत जरूरी है।
अभी हालत यह है कि कांग्रेस के कई नेता टिकट न मिलने से नाराज हैं और पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पार्टी के लिए जीने—मरने वालों को टिकट देने की बजाय बाहरियों को टिकट दिया गया तो हम पार्टी छोड़ देंगे। और यह हालत तब है कि आज से प्रधानमंत्री मोदी की वहां रैलियां शुरू हो रही है।
वैसे में कांग्रेस के सामने दोतरफा संकट है। एक अपने नाराज लोगों को पार्टी में बनाए रखना, नाराजगी को लेकर मीडिया में माहौल नहीं बनने देना और मोदी के आने के बाद भी जनता कांग्रेस के पक्ष में बनी रहे, इस तेवर को भी बरकरार रखना।
वैसे भी कहावत है जनता चोर को वोट दे देती है, कमजोर को नहीं। इसलिए अगर कांग्रेस इस बार अगर 22 साल बाद फिर भाजपा से कमजोर नजर आई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। शायद इसीलिए कांग्रेस बहुत ही इत्मीनान से एक तार्किक और जनप्रिय चुनावी घोषणापत्र जारी करना चाहती है, जिससे वह भाजपा के खिलाफ बने मूड को बूथों तक पहुंचा सके।
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