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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020

दिल्ली की जनता ने नफरत की राजनीति को हाशिये पर धकेल काम को दी तवज्जो, कहा केजरीवाल फिर से

Prema Negi
11 Feb 2020 8:27 AM GMT
दिल्ली की जनता ने नफरत की राजनीति को हाशिये पर धकेल काम को दी तवज्जो, कहा केजरीवाल फिर से
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आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के शिक्षकों के साथ केजरीवाल ने दिया धरना(पुरानी तस्वीर)

प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर ने जिन-जिन जगहों पर चुनावी सभायें कीं, वहां सभी जगह लगभग भाजपा हारती नजर आ रही है....

जनज्वार। दिल्ली विधानसभा चुनावों के रिजल्ट की तस्वीर लगभग साफ हो गयी है, आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली की गद्दी संभालेगी, मगर इन चुनावों में एक बड़ी बात जो नजर आई वह है सांप्रदायिक राजनीति का हाशिये पर जाना।

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जिस तरह भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों समेत तमाम नेताओं ने जहरीली भाषणबाजी कर हिंदुओं को वोट बैंक में तब्दील करने की पूरी कोशिश की थी, उसे जनता ने पूरी तरह नकार दिया। भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों जिनमें अमित शाह, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा ने शाहीनबाग में CAA के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर जिस तरह विवादास्पद बयान दिये, उसने इन्हें गर्त में धकेलने का काम किया है।

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कुल मिलाकर देखें तो नफरत फैलाकर माहौल वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की भाजपा की कोशिश पूरी तरह नाकाम रही। शाहीनबाग में चल रहे आंदोलन पर बलात्कार जैसा घृणित बयान देने वाले भाजपा नेता प्रवेश वर्मा जहां से पार्टी का प्रतिनि​धित्व करते हैं वहां से आप के धर्मपाल लाकड़ा 7 हजार के अंतर से भाजपा नेता आजाद सिंह से आगे चल रहे हैं। यानी जीत लगभग तय है।

प्रवेश वर्मा ने जहां जहां चुनावी सभा की वहां सभी जगह भाजपा हारती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्रीय मंत्री अमित शाह, अनुराग ठाकुर ने जिन—जिन जगहों पर चुनावी सभायें कीं, वहां सभी जगह लगभग भाजपा हारती नजर आ रही है।

'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को...' नारे को सबसे पहले जमीन पर लाये कपिल मिश्रा जोकि पहले आप के नेता और अब भाजपा में हैं, उन्हें जनता ने एकदम से हाशिये पर कर यह साबित कर दिया कि उनकी नफरती राजनीति से दिल्ली को नफरत है। कपिल मिश्रा बड़े अंतर से चुनाव हार रहे हैं। CAA-NRC के पक्ष में रैली निकालते हुए उन्होंने 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को...' नारे लगाये थे। इसके अलावा वे सोशल मीडिया पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देते रहते हैं।

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सोशल मीडिया पर लोग तरह—तरह के कमेंट कर रहे हैं। कह रहे हैं कि आप को मिला जनादेश भाजपा के नफरती चिंटुओं की नफरत के खिलाफ है। दिल्ली की जनता ने दिखा दिया है कि भाजपा का हिंदू कार्ड यहां काम करने वाला नहीं। साथ ही सवाल यह भी उठ रहा है कि मोदी—शाह क्या इस हार से सबक लेंगे या ​पहले की तरह सांप्रदायिकता का कार्ड खेलना जारी रखेंगे।

प्रवेश वर्मा ने एक चुनावी सभा में विवादास्पद बयानबाजी कर कहा, ‘लाखों लोग वहां (शाहीन बाग) में इकट्ठा होते हैं। दिल्ली के लोगों को सोचना होगा और निर्णय लेना होगा। वे आपके घरों में प्रवेश करेंगे, आपकी बहनों और बेटियों का बलात्कार करेंगे, उनकी हत्या करेंगे। आज समय है, मोदी जी और अमित शाह कल आपको बचाने नहीं आएंगे।’

हीं दिल्ली में एक चुनावी रैली के दौरान मंच से केंद्रीय मंत्री ने देश के गद्दारों को गोली मारने के नारे लगवाए। अनुराग ठाकुर ने रैली को संबोधित करते हुए नारा लगाया, “देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को” अनुराग ठाकुर ने कहा कि गद्दारों को भगाने के लिए नारे भी चाहिए।

न्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव को भारत की अस्मिता को बचाने का चुनाव बताते हुए कहा कि मुस्लिम देश के लिए खतरा हैं। मंच पर मौजूद एक और अन्य केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो यहां तक बोल दिया कि कमल का बटन दबाने पर ही ये गद्दार मरेंगे। इसी बीच राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

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