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राजनीति

लोकसभा-विधानसभा चुनाव से पहले फडणवीस सरकार ने इजराइल के सॉफ्टवेयर से करवाई थी जासूसी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री का आरोप

Nirmal kant
25 Jan 2020 10:57 AM GMT
लोकसभा-विधानसभा चुनाव से पहले फडणवीस सरकार ने इजराइल के सॉफ्टवेयर से करवाई थी जासूसी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री का आरोप
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महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा पर लगाया जासूसी का आरोप, देशमुख ने कहा लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और राकांपा नेताओं का हुआ था फोन टैपिंग...

जनज्वार। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पूर्व भाजपा सरकार पर जासूसी का बड़ा आरोप लगाया है। देशमुख ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने सत्ता में रहते हुए राकांपा और कांग्रेस नेताओं के फोन टैप किए थे। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने 2019 लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान वरिष्ठ राकांपा और कांग्रेस नेताओं के फोन टैप किए थे। हालांकि फोन टैपिंग के इस मामले की जांच चल रही है।

निल देशमुख ने अपने बयान में कहा, 'पिछली भाजपा सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले वरिष्ठ कांग्रेस और राकांपा नेताओं की टेलीफोन पर बातचीत सुनने की कोशिश की थी। वहीं अनिल देशमुख के इस बयान के बाद नई बहस शुरु हो गई है।

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा पिछली भाजपा सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले वरिष्ठ कांग्रेस और राकांपा नेताओं की टेलीफोन पर बातचीत सुनने की कोशिश की थी।

न्होंने ये भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सरकारी खर्च पर कुछ सरकारी अधिकारियों को इजराइल भेजा था और एक सॉफ्टवेयर खरीदा गया और इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल वरिष्ठ नेताओं की बातचीत सुनने और उससे राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए किया गया था। हमारी सरकार ने फोन टैपिंग के इस मामले पर जांच शुरू कर दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि फोन टैपिंग करना राज्य की संस्कृति नहीं है। फडणवीस ने कहा, 'मैंने कभी किसी के फोन को टैप करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया था। हम इस तरह के कृत्य में लिप्त नहीं हैं। फोन-टैपिंग महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। मेरी सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था साथ ही कहा पूरे देश को उन लोगों की विश्वसनीयता का पता है जिन्होंने इस तरह के आरोप लगाए हैं। मैं सरकार से पूरे मामले की तुरंत जांच करने का अनुरोध करूंगा।'

देवेंद्र फडणवीस ने कहा इस मामले की जांच होनी चाहिए ताकि आरोपों की सच्चाई का पता लगाया जा सके और जांच में जो भी सामने आए उसे सार्वजनिक रूप से सबके सामने रखा जाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम और गृहमंत्री के रूप में मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया जो अनैतिक या नियमों का उल्लंघन करता हो। अगर कोई ऐसे आधारहीन आरोप लगा रहा है तो वे उजागर हो जाएंगे। महाराष्ट्र के लोग जल्द ही सच्चाई को जान लेंगे।

ससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी राज्य में फोन की टैपिंग में शामिल थे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक अधिकारी को इजरायल भी भेजा गया था और ऐसा सॉफ्टवेयर ख़रीदा गया जिससे फोन टैपिंग की जा सके। राज्य के अधिकारियों ने एनएसओ के अधिकारियों के साथ संपर्क किया था।

इजराइल की एक साइबर कंपनी है। एनएसओ ऐसी तकनीक बनाती है जो सरकारी एजेंसियों की आतंकवाद और अपराध से बचाने के लिए मदद करती है। एनएसओ पेगासस की तरह स्पाइवेयर बनाता है, जिसे दुनियाभर के पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

हीं शिवसेना के विधायक दीपक केसरकर ने भी दावा किया है कि पिछली कांग्रेस शासन के दौरान भी जासूसी हुई थी। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री के पास सीमित शक्तियां हैं और मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए।

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शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी कहा कि एक भाजपा नेता ने उन्हें सूचित किया था कि उनका फोन पिछली देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा टैप किया गया था। “एक भाजपा नेता ने मुझे बताया था कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है। मैंने कहा कि अगर कोई भी यह सुनना चाहता है कि मैं क्या कह रहा हूं, तो मैं इसका स्वागत करता हूं। मैं बालासाहेब का शिष्य हुँ, जो कुछ भी करता हुँ खुलेआम करता हुँ और फोन-टैपिंग के बावजूद, हमने महाराष्ट्र में सरकार बनाई।"

राकांपा नेता आवास मंत्री जितेंद्र अवध ने कहा कि भाजपा की 'बीमार मानसिकता' का स्मॉग टैपिंग प्रकरण है। आप लोगों के निजी जीवन में क्यों झांकना चाहते हैं? हमारे बीच राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत नहीं। महाराष्ट्र को यह जानना चाहिए कि इसके पीछे कौन है।

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