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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020

दिल्ली के बड़े नेताओं में सबसे कम वोटों से जीते मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल के भी वोट घटे

Nirmal kant
12 Feb 2020 12:43 PM GMT
दिल्ली के बड़े नेताओं में सबसे कम वोटों से जीते मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल के भी वोट घटे
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मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को मिले वोट प्रतिशत में जहां सन 2015 की तुलना में 3.04 प्रतिशत की गिरावट आई वहीं मनीष सिसोदिया के केस में ये गिरावट 4.31 प्रतिशत दर्ज़ की गयी...

जनज्वार। आम आदमी पार्टी को 62 विधायक देकर दिल्ली की जनता ने केजरीवाल की लगातार तीसरी बार ताजपोशी का रास्ता तो साफ कर दिया लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि दिल्ली की जनता ने आप के दोनों दिग्गज नेता अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को इस बार कम समर्थन दिया। केजरीवाल कैबिनेट के सात मंत्रियों में से अकेले केजरीवाल और सिसोदिया ही ऐसे मंत्री हैं जिनको पड़े कुल वोटों के प्रतिशत में कमी आई है।

गौरतलब है कि केजरीवाल मंत्रीमंडल में ये दोनों ही सबसे बड़े पदों में थे और सरकार चलाने की बड़ी ज़िम्मेदारी इनके कन्धों पर ही थी। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को मिले वोट प्रतिशत में जहां सन 2015 की तुलना में 3.04 प्रतिशत की गिरावट आई वहीं मनीष सिसोदिया के केस में ये गिरावट 4.31 प्रतिशत दर्ज़ की गयी। केजरीवाल अपने बीजेपी प्रतिद्वंदी को 21,697 वोट से परास्त करके जीते लेकिन वहीं मनीष को अपनी जीत के लिए दाँतों चने चबाने पड़े।

ने 2015 में पटपड़गंज सीट 28,711 वोटों के अंतर से जीती थी लेकिन इस बार उन्हें बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। दस राऊंड तक तो वे हारते हुए नज़र आये। ग्यारहवें राऊंड में जा कर उन्होंने बढ़त हासिल की और अंत में 3207 वोटों से विजयी रहे।

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मंत्रियों में से मनीष सिसोदिया, कैलाश गहलोत, सत्येंद्र जैन और स्पीकर राम निवास गोयल 10 हजार से कम वोटों के अंतर से जीते वहीं अरविन्द केजरीवाल, राजेंद्र पाल गौतम, गोपाल राय और इमरान हुसैन 20 हज़ार से ज़्यादा वोटों से विजयी हुए।

चौंकाने वाली बात तो ये है कि जहां मनीष सिसोदिया 10 वें राऊंड तक पीछे चल रहे थे वहीं विधान सभा के स्पीकर गोयल शाहदरा विधानसभा क्षेत्र में 11 वें राऊंड तक पीछे थे। अंत में उन्होंने 5,294 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। हालांकि उन्हें 2015 की तुलना में इस बार 0.04 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हासिल हुयी। शकूरबस्ती विधानसभा क्षेत्र से स्वास्थ्य मंत्री संत्येंद्र जैन ने भी अपने वोट शेयर में 3.93 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज़ की।

मंत्रियों में से सबसे ज़्यादा वोट प्रतिशत की बढ़त हासिल करने वाले नज़फगढ़ से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत रहे। अपनी पिछली जीत की तुलना में उन्हें इस बार 15.24 प्रतिशत की बढ़त हासिल हुयी। सबसे ज़्यादा मतों के अंतर से जीतने का सेहरा सीमापुरी से चुनाव लाडे पर्यटन मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के सिर बंधा। उनहोंने 56,108 वोटों के अंतर और 2.78 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपनी जीत दर्ज़ की।

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ल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन 36,172 वोटों के अंतर से जीते। उन्होंने अपने वोट शेयर में 4.94 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी भी दर्ज़ की। लेकिन श्रम मंत्री गोपाल राय बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से अपने वोट शेयर में मात्र 0.24 प्रतिशत की ही बढ़ोत्तरी करवा पाए, हालांकि वे 33,062 वोटों के अंतर से जीते हैं।

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