ब्रेकिंग : मिडडे मील योजना का खुलासा करने वाले पत्रकार के मामले में योगी के अधिकारियों को जारी हुआ नोटिस
मिर्जापुर के बहुचर्चित नमक-रोटी मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में भारतीय प्रेस परिषद ने यूपी के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी सहित कई आला अफसरों को किया तलब
जनज्वार। मिर्ज़ापुर मिडडे मील की खबर बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने को लेकर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को तलब किया है इस संबंध में चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, डीजीपी, एसपी मिर्ज़ापुर से जवाब मांगा है।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के बहुचर्चित नमक-रोटी मामले में भारतीय प्रेस परिषद ने योगी सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी सहित कई आला अफसरों को तलब किया है। पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ रपट दर्ज होने के बाद प्रेस प्रेस परिषद की टीम मिर्जापुर पहुंची थी और दो दिनों तक घटना का जांच-पड़ताल की। इस प्रकरण को लेकर पीसीआई आगामी 18 दिसंबर को इलाहाबाद के सर्किट हाउस में इजलास लगाएगी। परिषद ने पुलिस और प्रशासन से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
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गौरतलब है कि इसी साल मिर्जापुर के अहरौरा इलाके के सिऊर गांव में 22 अगस्त को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक रोटी परोसा गया था। शुरू में तत्कालीन डीएम समेत जिले के सभी आला अफसरों ने शिक्षा विभाग को दोषी मानते हुए जिम्मेदार शिक्षकों व अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की थी। बाद में अचानक यूं टर्न लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पटेल ने पत्रकार पवन जायसवाल को ही जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। साथ ही यह भी जोड़ दिया कि नमक-रोटी खिलाए जाने की खबर छपने और चैनलों से प्रसारित होने से सरकार की इमेज प्रभावित हुई।
31 अगस्त को पत्रकार को आरोपी बनाते हुए गुपचुप तरीके से गंभीर धाराओं में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गयी। पत्रकार पवन जायसवाल को प्रशासन ने तब कटघरे में खड़ा कर दिया, जब जांच-पड़ताल के बाद कलेक्टर अनुराग पटेल खंड शिक्षा अधिकारी समेत चार शिक्षकों को दोषी पाते हुए निलंबित कर चुके थे।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को किया तलब
नमक-रोटी मामले में डीएम ने खुद विद्यालय पहुंचकर जांच-पड़ताल की थी। डीएम ने घटना को सच मानते हुए मीडिया से यह भी कहा था कि एक दिन पहले मिड डे मील में नमक-चावल परोसा गया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भारतीय प्रेस परिषद की टीम खुद मिर्जापुर पहुंची। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से बातचीत करने के बाद सिऊर गई। वहां गांव वालों और स्कूली बच्चों से भी पूछताछ की गयी।
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इस मसले पर पीड़ित पत्रकार पवन जायसवाल कहते हैं, 'अहरौरा थाना पुलिस इस प्रकरण में लगातार लीपापोती कर रही है। हालात ऐसे बना दिये गये हैं कि मेरे लिए काम करना मुश्किल हो गया है। रोजी रोटी के लिए खोली गयी मेरी मोबाइल की दुकान भी बंद हो गयी है। मैं लगातार इस डर में जी रहा हूं कि मेरा मर्डर करवा दिया जायेगा।'