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उत्तर प्रदेश

66 दिन से लापता बेटे को न्याय के लिए वाराणसी के एडीजी के दरबार में पहुंचे परिजन, कहा न्याय न मिला तो यहीं कर लेंगे आत्मदाह

Nirmal kant
26 May 2020 11:20 AM GMT
66 दिन से लापता बेटे को न्याय के लिए वाराणसी के एडीजी के दरबार में पहुंचे परिजन, कहा न्याय न मिला तो यहीं कर लेंगे आत्मदाह
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66 दिनों से लापता युवक का पता लगाने में नाकाम साबित हुई लंका पुलिस, थाने का चक्कर लगा रहा परिवार सीएम योगी व प्रधानमंत्री तक लगा चुके हैं गुहार...

मिर्जापुर से पवन जायसवाल की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। वाराणासी जनपद के लंका थाना क्षेत्र से गायब मिर्जापुर के अदलहाट थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर निवासी मोबाइल फोन व्यवसायी का पता लगाने में नाकाम रही वाराणासी पुलिस परिजनों को बार बार थाने का चक्कर लगवा रही है। इससे व्यथित होकर लापता युवक के पिता ने शनिवार को वाराणासी जोन के पुलिस महानिदेशक को मिलने आए। परिजनों ने एडीजी से कहा कहा कि आपसे हम लोगों ने मिलकर पहले भी प्रार्थना पत्र दिया मगर कापी लंबा समय बीतने के बाद भी कोई कोई कार्रवाई नहीं हुई है, यदि आज हमारी शिकायतों को सुनकर कार्रवाई नहीं होती तो हम यहीं आत्मदाह कर लेंगे।

रिजनों ने सीओ, थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और कहा कि अगर कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी इन तीनों लोगों की होगी। उनका आरोप है कि अपहरण की घटना को पुलिस दबाव बनाकर गुमशुदगी लिखवाया, थक हार चुकी पुलिस ने इतने दिन बाद भी अभी तक क्राइम विभाग को फाइल सौंपने में कतरा रही है।

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पको बता दें कि अदलहाट थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी कृष्णानंद मौर्य का बेटा मुकेश मौर्या 17 मार्च को

मोबाइल व जरूरी सामान की खरीद-फरोख्त के लिए हमेशा की तरह वाराणसी मंडी गया हुआ था। कुछ सामान व ट्रांसपोर्ट से बुक कराने के बाद देर शाम अपनी पल्सर मोटरसाइकिल से कुछ सामान लेकर घर के लिए वापस चला किंतु घर नहीं पहुंचा लौटा।

जिससे परिजन इधर-उधर रिश्तेदारी तथा मंडी के व्यवसायियों के यहां पूछताछ करने लगे तो पता चला कि मुकेश सामान खरीदकर घर के लिए चला गया। इसके बाद पिता कृष्णानंद उर्फ़ महंगू वाराणसी के लंका थाने में अपने पुत्र के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे लेकिन लंका थाना प्रभारी भरत भूषण तिवारी ने जबरन परिजनों पर दबाव बनाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवायी।

लगातार थाने व सीओ के ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते थक गये लेकिन पुलिस परिजनों को गुमराह कर रही है और अभी तक मामले का खुलासा करने में नाकाम है। वहीं पुलिस ने क्राइम विभाग को भी फाइल ही नहीं सौपी है। पिता कृष्णचन्द्र मौर्य ने बताया कि एक दिन पहले सीओ भेलूपुर ने कहा कि जबतक उच्च अधिकारी फाइल को नहीं मांगेंगे हम क्राइम विभाग को जांच के लिए नहीं भेजेंगे।

पिता ने वाराणसी जोन के पुलिस उप महानिदेशक को लिखे पत्र में सीओ भेलूपुर, थाना प्रभारी लंका व चौकी इंचार्ज डाफी (रमना) की भूमिका को संदिग्ध बताया है। पत्र में लिखा है कि अगर कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी इन तीनों की होगी।

18 मार्च को जब परिजनों ने लंका पेट्रोल पम्प के सामने बंगाल रोल कार्नर में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा तो पाया कि मुकेश रात के करीब 9 बजे से 10 बजे तक वहां पर था जहां दो संदिग्ध व्यक्ति भी दिखाई दे रहे थे।

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ब सवाल यह उठता है कि मुकेश की बाइक इन चोरों के हाथ लगी लेकिन पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं। 23 मार्च को मुकेश की पल्सर बाइक को बेचते हुए अदलहाट पुलिस ने पौनी बैरियर से दो युवकों को दबोच लिया था। उन्हें हिरासत में लेकर वाराणासी की लंका पुलिस को पूछताछ में पता हुआ कि इन लोगों को 18 मार्च को बाइक वाराणासी के हाइवे मार्ग के नीचे लौटू बीर बाबा सिर को जाने वाले मार्ग पर सुबह मिली थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया।

पिता कृष्णानंद का आरोप है कि लंका पुलिस अभी तक हमें गुमराह कर रही है, मुझे प्रेम प्रपंच का मामला बताकर पल्ला झाड़ रही है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां अपने कलेजे के टुकड़े को देखना चाहतीं है लेकिन अभी तक वाराणसी पुलिस के हाथ खाली हैं।

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