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गुजरात से 1066 किमी पैदल चलकर UP के अपने गांव पहुंची गर्भवती महिला

Vikash Rana
2 April 2020 6:52 AM GMT
गुजरात से 1066 किमी पैदल चलकर UP के अपने गांव पहुंची गर्भवती महिला
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गुजरात के सूरत में मजदूरी कर रही 7 माह की गर्भवती महिला सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके अपने दो साल के बच्चे के साथ बांदा जिले के अपने गांव पहुंची है। अगर बांदा से सूरत की सड़क मार्ग की दूरी 1,066 किलोमीटर है...

जनज्वार। कोरोना वायरस का कहर देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कीओर से जारी आंकड़े के मुताबिक पिछले 12 घंटे में 131 नए मामले आए हैं। इसी के साथ देशभर में संक्रमित मरीजों की संखअया 1965 हो गई है। इनमें से 1764 लोगों का इलाज चल रहा है।

जिनमें से 151 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 50 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में देश भर से मजदूरों की मौते की खबरें लगातार आ रही है। लेकिन गुजरात से एक मामला सामने आया है, जिसमें महिला गर्भवती होने के बावजूद सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर अपने गांव पहुंच गई।

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गुजरात के सूरत में मजदूरी कर रही सात माह की गर्भवती महिला सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके अपने दो साल के बच्चे के साथ बांदा जिले के अपने गांव पहुंची है। अगर बांदा से सूरत की सड़क मार्ग की दूरी 1,066 किलोमीटर है। यह महिला अपने पति के साथ गुजरात के सूरत की एक निजी फैक्ट्री में मजदूरी करती थी, इसके दो साल का एक बच्चा भी है।

बांदा जिले के कमासिन थाना क्षेत्र के भदावल गांव की रहने वाली महिला ने अपनी दास्तान सुनाई कि "कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च (मंगलवार) की शाम अचानक बुधवार से लॉकडाउन की घोषणा के बाद फैक्ट्री मालिक ने सभी मजदूरों को फैक्ट्री से बिना पगार दिए ही निकाल दिया था। कोई विकल्प न होने पर रेल पटरी के सहारे दो साल के बच्चे को गोद में लेकर हम पैदल ही चल दिये थे। रास्ते में भगवान के अलावा किसी ने मदद कोई नहीं की।"

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सने बताया कि "गांव तो बहुत मिले, जहां पीने के लिए पानी और खाने के लिए थोड़ा गुड़ गांव वाले दे देते रहे हैं।" उसने बताया कि "गुरुवार तड़के सूरत से चले थे और (मंगलवार) सुबह बांदा पहुंच पाए हैं। इतने दिन के सफर में कई बार एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन नहीं मिली।"

बांदा जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. संपूर्णानंद मिश्रा ने बताया कि "यह दंपत्ति मंगलवार बांदा आ पाया है, ट्रॉमा सेंटर में प्राथमिक जांच के बाद इन्हें एंबुलेंस से उनके गांव भदावल भेज दिया गया है। जहां ये अपने घर में 14 दिन तक एकांत में रहेंगे।"

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