राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से आया विवादित बयान, कहा मॉब लिंचिंग तभी रुकेगी जब बीफ खाना किया जाएगा बंद
जयपुर,जनज्वार। अलवर मॉब लिंचिंग में मारे गए मुस्लिम युवा अकबर खान की मौत के बाद इस बहस ने जोर पकड़ लिया है कि आखिर मॉब लिंचिंग का सबसे ज्यादा शिकार मुस्लिम ही क्यों होते हैं। गौरतलब है कि अकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस की अमानवीयता और संलिप्तता भी उजागर हुई है। मीडिया में खबर यह भी है कि पुलिस ही अकबर खान की कातिल है, ताकि गौ गुंडों के साथ उसकी संलिप्तता भी उजागर न हो जाए।
अब इसी मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि अगर बीफ खाना बंद हो जाएगा देश में मॉब लिंचिंग रुक जाएगी। राजस्थान के अलवर में गोतस्करी के शक में हुई अकबर खान उर्फ रकबर खान की हत्या पर पूछे गए सवाल के जवाब में इंद्रेश कुमार ने यह बात कही।
गौरतलब है कि इंद्रेश कुमार मुस्लिमों के बीच काम काम करने वाले आरएसएस के संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक हैं। इंद्रेश कुमार ने कहा, "किसी भी मॉब की हिंसा, चाहे वो आपके घर की, मोहल्ले की, जाति की, पार्टी की हो, वो कभी भी अभिनंदनीय नहीं हो सकती। परंतु, दुनिया के जितने भी धर्म हैं, उनका कोई एक धर्मस्थल बता दें जहां गाय का वध होता हो। (ईसा मसीह धरती पर गौशाला में आए, इसलिए वहां मदर काऊ बोलते हैं। मक्का मदीना में गाय का वध अपराध मानते हैं। क्या हम संकल्प नहीं कर सकते कि धरा और मानवता को इस पाप से मुक्त कराएं। अगर मुक्त हो जाए तो आपकी मॉब लिंचिंग का हल हो जाएगा।"
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इंद्रेश कुमार ने कहा कि दुनिया का ऐसा कोई भी धर्म नहीं है जो गोहत्या की इजाजत देता हो। साथ ही वे यह दावा करने से भी नहीं चूके कि इस्लाम से लेकर ईसाई धर्म तक में गोहत्या के लिए कोई जगह नहीं है।
इंद्रेश कुमार के अलावा बीजेपी नेता विनय कटियार ने भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं से उपजे आक्रोश में घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम गाय को छूने से पहले कई बार सोचें। यह इस देश के करोड़ों लोगों की भावना का प्रश्न है।
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गौरतलब है कि अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 जुलाई की देर रात कुछ लोगों ने गोतस्करी के शक में अकबर खान उर्फ रकबर खान की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद पुलिसिया असंवेदनशीलता और उसके साथ पुलिस द्वारा की गई कथित मारपीट के बाद घटना के 4 घंटे के बाद अस्पताल ले जाने तक उसकी मौत हो गई।
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हालांकि इस घटना के लिए राजस्थान सरकार ने अपनी लापरवाही को स्वीकार कर लिया है और मामले की जांच के लिए 5 पुलिसकर्मियों को सजा भी दे दी गई है। जहां थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर सुभाष शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं एएसआई मोहन चौधरी को लाइन हाजिर किया गया है। इसके अलावा उस समय ड्यूटी पर मौजूद तीन पुलिसकर्मियों को भी लाइन हाजिर किया गया है।
सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है। दावा किया जा रहा है कि ये समिति मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। वहीं मॉब लिंचिंग की भारी तादाद में हो रही घटनाओं पर विपक्षी कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद और नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाते हुये कहा है कि ये घटनाएं हमेश मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ही क्यों होती हैं, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र में क्यों नहीं। जिस जगह पर ध्रुवीकरण करना होता है उस जगह ऐसी घटनाएं होती हैं। ये राजनीति है, कोई धर्म के हित नहीं है।
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति बनाने से क्या होगा, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पास ज्यादा अधिकार नहीं बचे हैं। वहीं टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा है कि जो भी समिति बनाई गई है उसके पास कोई अधिकार नहीं है क्योंकि कानून और व्यवस्था तो राज्य का मामला है।