मोदी के डिजिटल इंडिया का मनोहर सच, विधानसभा के दस्तावेज को राज्यसभा पहुंचने में लग गए 7 दिन
20 जनवरी को SC/ST सीटों के आरक्षण सम्बन्धी पारित संकल्प राज्यसभा में 27 जनवरी को प्राप्त हुआ, पंजाब का संकल्प पारित होने के अगले दिन 18 जनवरी को पहुंचा, हिमाचल और गुजरात का पारित होने वाले दिन ही 7 और 10 जनवरी को पहुंचा...
चंडीगढ़ से मनोज ठाकुर की रिपोर्ट
जनज्वार। डिजिटल के इस दौरे में हरियाणा विधानसभा का एक दस्तावेज सात दिन में राज्यसभा पहुंचता है। अब सोचिए, डिजिटल इंडिया की बात करने वालों की हकीकत क्या है? वह भी तब जब केंद्र और राज्य सरकारें देश को डिजिटल इंडिया एवं शासन और प्रशासन में ई-गवर्नेंस लागू करने के दावे कर रही है। सरकारी कामकाज को पेपरलेस बनाने के बड़े बड़े दावे हो रहे हैं। इन दावों के बीच हरियाणा विधानसभा में पारित एक सरकारी संकल्प को राज्यसभा सचिवालय पहुंचने में 7 दिन का लम्बा समय लग गया।
राज्यों की विधानसभाओ में SC /ST सीटों का आरक्षण का प्रस्ताव पास कर भेजा था राज्यसभा में
25 जनवरी 2020 को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओ में एससी/एसटी सीटों का आरक्षण खत्म हो रहा था। इसे 10 वर्ष के लिए यानी की 25 जनवरी 2030 तक बढ़ाने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा प्रस्ताव पारित होना था। इसके बाद देश के सभी राज्यों में से कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडलों में अपने-अपने सदन में एक प्रस्ताव/सरकारी संकल्प पारित कर इसका समर्थन करना भी आवश्यक था। इसके बाद ही इस विधेयक पर भारत के राष्ट्रपति अपनी स्वीकृति प्रदान हो सकती थी। यहीं प्रस्ताव हरियाणा की विधानसभा में पास कर राज्यसभा में भेजा गया।
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20 जनवरी को हुआ था प्रस्ताव पास
20 जनवरी 2020 को हरियाणा विधानसभा का सत्र बुलाया गया जिसमें संसद के दोनों सदनों द्वारा दिसंबर 2019 में पारित संविधान ( 126 वां संशोधन) विधेयक, 2019 का अनुसमर्थन (रेटिफिकेशन) करने सम्बन्धी सदन द्वारा सरकारी संकल्प पारित किया गया था। जिसके बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने 26 जनवरी को राज्यसभा सचिवालय में एक आरटीआई याचिका दायर की। इसमें जानकारी मांगी कि उन्हें हर राज्य की विधानसभा/विधानपरिषद द्वारा पारित सरकारी संकल्प के पारित होने की तारीख बतायी जाए। इसके साथ ही यह प्रस्ताव राज्य सभा सचिवालय में कब मिला इसकी जानकारी दी जाए।
यह मिली जानकारी
हरियाणा विधानसभा द्वारा 20 जनवरी को अपने सदन में संकल्प पारित किया गया। वह 27 जनवरी 2020 को राज्य सभा सचिवालय में प्राप्त हुआ। हिमाचल और गुजरात विधानसभा का प्रस्ताव हालांकि 7 और 10 जनवरी को पारित हुआ एवं उसी दिन ही राज्यसभा पहुंच गया था। पंजाब विधानसभा द्वारा यह 17 जनवरी को पारित किया गया, अगले दिन 18 जनवरी को यह राज्यसभा को प्राप्त मिल गया था।
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दस दिन बाद बुलाया विधानसभा का सत्र
20 दिसंबर 2019 को राज्यसभा सचिवालय की ओर से देश के सभी राज्यों के विधानमंडलों के सचिवों को पत्र भेजकर अनुरोध किया था। इसमें कहा गया था कि संविधान (126 वे संशोधन) विधयेक, 2019 किया जाना है। इसके लिए अपने अपने विधानमंडलों से सरकारी संकल्प के रूप में जल्द से जल्द पारित करवाएं। आग्रह किया गया था कि 10 जनवरी 2020 से पहले राज्य सभा सचिवालय को सूचित करें। जिससे 25 जनवरी 2020 से पहले इस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त कर इसे लागू किया जा सके। हरियाणा विधानसभा का सत्र जो हालांकि 10 जनवरी से पहले बुलाया जाना चाहिए था, वह 20 जनवरी को बुलाया गया।
बहरहाल उक्त विधेयक को बीते माह 21 जनवरी 2020 को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति प्राप्त हो गई। वं 22 जनवरी 2020 को इसे भारत सरकार के गजट में प्रकाशित कर दिया गया है। 25 जनवरी 2020 से यह विधेयक संविधान (104 वा संशोधन ) अधिनियम, 2019 के रूप में कानून बनकर लागू हो गया।