तीसरी बार कैंसिल हुआ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 14 सड़कों के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का टेंडर
इलाहाबाद में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) द्वारा सड़कों के चौड़ीकरण, सुंदरीकरण के नाम पर निजी फ्रीहोल्ड जमीनों पर बने दशकों पुराने मकान तोड़ दिए गये, अधिकारियों ने न अधिग्रहण किया, न कोई मुआवजा दिया...
जेपी सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार। प्रयागराज को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित और अनुमोदित सिटी डेवलपमेंट प्लान फॉर इलाहाबाद 2041 (फ़ाइनल सिटी डेवलपमेंट प्लान) अप्रैल 2015 का खुला उल्लंघन प्रयागराज/इलाहाबाद में प्रयागराज विकास प्राधिकरण और प्रयागराज नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। सड़कों के चौड़ीकरण, सुंदरीकरण के नाम पर निजी फ्रीहोल्ड जमीनों पर बने दशकों पुराने मकान तोड़ दिए गये। अधिकारियों ने न अधिग्रहण किया न कोई मुआवजा दिया।
अब सवाल है कि चौड़ीकरण और सुंदरीकरण आखिर हो किसकी जमीन पर होगा, अब तक किसकी जमीन पर हुआ है? कुंभ मेला के दौरान शहर की कई सड़कों पर तोड़फोड़ करने के बाद सड़कों को चौड़ा करने वाले प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के अधिकारियों को अब न निगलते बन रहा है न उगलते । सितंबर 2019 से पीडीए 14 सड़कों के चौड़ीकरण और सुंदरीकरण की प्लानिंग कर रहा है। बार-बार टेंडर करा रहा है, लेकिन हर बार पीडीए अधिकारियों को मुंह की खानी पड़ रही है।
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पहली बार 7 सितंबर 2019 को पीडीए ने पहली बार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी की 14 सड़कों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण का टेंडर नोटिस जारी किया था। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम सेवा समर्पण संस्थान के प्रांत संपर्क प्रमुख अनुराग शुक्ला ने टेंडर में वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया था।
तकनीकी बिड में ठेकेदारों के डॉक्यूमेंट सही न होने पर अयोग्य बताया गया था।फर्स्ट टेंडर कैंसिल होने के बाद दूसरा टेंडर तीन नवंबर को टू बिड प्रणाली के तहत प्रकाशित किया गया। जिसमें इस बार सात नहीं, बल्कि 14 सड़कें शामिल थीं।30 नवंबर टेंडर डालने की लास्ट डेट थी, लेकिन टेंडर को बेचा नहीं जा सका।
तीसरी बार 30 नवंबर की विज्ञप्ति और 14 सड़कों के टेंडर को तोड़कर चार चरणों में कर दिया गया। 16, 17 और 18 दिसंबर को सड़कों का टेंडर कराया और फिर टेक्निकल बिड खोला गया।28 दिसंबर को म्योर रोड का टेंडर कराया गया, जिसका टेक्निकल बिड उसी दिन खोला गया। 16, 17, 18 और 28 दिसंबर को हुए टेंडर को टेक्निकल जांच के बाद अधिकारियों को फाइनल करना था, लेकिन टेंडर फाइनल करने के बजाय कुछ दिन पहले टेंडर को बहुत ही गोपनीय तरीके से कैंसिल कर दिया गया।
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 14 सड़कों के चौड़ीकरण, ब्यूटीफिकेशन का टेंडर एक बार फिर कैंसिल हुआ है, ये तो तय है, लेकिन इस बार किन कारणों से टेंडर कैंसिल किया गया है, अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन 14 सड़कों के ब्यूटीफिकेशन, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का इस्टीमेट बनाया गया, उसमें पीडीए को यही नहीं पता है कि इस्टीमेट सरकारी भूमि पर बना है या लोगों की निजी भूमि पर, म्योर रोड पर तो फ्री होल्ड जमीन पर चौड़ीकरण का इस्टीमेट बना दिया गया, जिसको लोगों ने चैलेंज करने के साथ ही पीएमओ से लेकर मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव आवास तक शिकायत की है।
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अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम सेवा समर्पण संस्थान के प्रांत संपर्क प्रमुख अनुराग शुक्ला ने प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रमुख सचिव आवास से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि स्मार्ट सिटी के टेंडर को तोड़-मरोड़ कर कराने के साथ ही पीडीए अधिकारियों द्वारा एडवांस कमिशन लेकर टेंडर कराया जा रहा है। दो-दो ठेकेदारों से एक रेट डलवा कर टेंडर बेचने की प्लानिंग की गई है।
PDA वीसी टीके शिबू को वॉट्सअप पर पूछा गया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों के चौड़ीकरण और ब्यूटीफिकेशन के टेंडर किस कारण से एक बार फिर कैंसिल किए गए हैं। पहले भी दो बार टेंडर कैंसिल किए जा चुके हैं। वीसी ने मैसेज तो पढ़ लिया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।