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राजनीति

ईवीएम के कारण चुनाव परिणाम आए अविश्वसनीय तो देश में हो सकते हैं भीषण राजनीतिक आंदोलन

Prema Negi
21 May 2019 3:41 AM GMT
ईवीएम के कारण चुनाव परिणाम आए अविश्वसनीय तो देश में हो सकते हैं भीषण राजनीतिक आंदोलन
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अगर चुनाव परिणाम अविश्वनीय आए तो सभी विपक्षी दल इसके खिलाफ मैदान में उतरेंगे और देश में भीषण राजनीतिक आंदोलन शुरू होगा, जिसका पहला हमला चुनाव आयोग पर होगा, जोकि मोदी की स्वामीभक्ति में कोई कोर—कसर बाकी नहीं छोड़ रहा

अरविंद गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार। लोकसभा चुनाव के 10 में से 9 एग्जिट पोल्स में एनडीए को बहुमत के मीडिया अनुमान के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम घोटाले पर आवाज उठानी शुरू कर दी है। इसे लेकर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में विपक्ष चुनाव आयोग से मिलेगा। इसमें मांग उठाई जायेगी कि मतगणना के दिन ईवीएम का मिलान 50 फीसदी वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए।

ईवीएम के विरोध में यह माहौल इसलिए बन रहा है कि इस बीच मीडिया में कई ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं जिससे लग रहा है कि भाजपा अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए चुनाव आयोग और लोकल प्रशासन के साथ मिलकर किसी भी हद तक जा सकती है। देशभर में ईवीएम बदलने की कोशिश वाली जो घटनाएं मीडिया में आ रही हैं, उससे लगता है कि लोकसभा चुनाव के मतगणना से पहले ईवीएम बदलने की गड़बड़ियां चालू हैं।

दिल्ली में चुनाव शुरू होने से लगभग एक हफ्ते पहले चंद्रबाबू नायडू, ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा समेत विपक्ष के कई नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक की थी।

इनके अलावा तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और अरविंद केजरीवाल ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने को लेकर आए दिन सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनाव आयोग की भूमिका को कठघरे में खड़ा कर उसे मोदी का पिट्ठू करार दे चुके है।

ऐसे में आशंका है कि अगर चुनाव परिणाम अविश्वनीय आए तो सभी विपक्षी दल इसके खिलाफ मैदान में उतरेंगे और देश में भीषण राजनीतिक आंदोलन शुरू होगा, जिसका पहला हमला चुनाव आयोग पर होगा, जोकि मोदी की स्वामीभक्ति में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहा।

उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद महेंद्र नाथ पांडेय के लोकसभा सीट पर मतदान 19 मई को सम्पन्न हो गया, जिसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने चंदौली सब्जी मंडी के पास बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम को रात्रि तक जमा कराया।

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विभिन्न दल के एजेंटों के सामने ईवीएम स्ट्रांग रूम को सील कर दिया गया और उसकी निगरानी के लिए फोर्स लगा दी गई, मगर 20 मई को दिन में 3 बजे दो पिकअप ईवीएम भरी हुई गाड़ी चंदौली सब्जी मंडी के समीप देखी गई, जिसके बाद हडकम्प मंच गया। ​विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सांसद महेंद्र नाथ पांडेय द्वारा चुनाव जिताने के लिए यह साजिश रची गई है।

विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम भरी पिकअप गाड़ी देखने के बाद चुनाव आयोग व जिला निर्वाचन अधिकारी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। आरोप लगाया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सांसद महेंद्र नाथ पांडेय लोकसभा चुनाव हार रहे हैं, जिसके कारण ईवीएम में फेरबदल हो सकता है।

प्रदेश के गाजीपुर लोकसभा सीट पर से केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा रेल राज्य मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। इस लोकसभा सीट पर भी 19 मई को चुनाव सम्पन्न हुआ। गठबंधन समेत तमाम दलों से जुड़े कार्यकर्ता कह रहे हैं कि यहां पर भी भाजपा पूर्व सांसद अफजाल अंसारी से हार रहे हैं, जिसके कारण जिला निर्वाचन अधिकारी भाजपा प्रत्याशी को चुनाव जिताने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव के पूर्व गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के विभिन्न ग्रामसभा के ग्राम प्रधानों को पुलिस बल द्वारा नोटिस भेजा जा चुका है, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि अपना वोट देने के बाद बूथ पर कोई दिखाई दिया तो मुकदमा दर्ज कर दिया जायेगा, जिससे प्रधानों में भय व्याप्त रहा। गाजीपुर लोकसभा सीट पर 20 मई को ईवीएम से लद्दी गाड़ी आने की सूचना पर सांसद प्रत्याशी अफजाल अंसारी अपने समर्थकों के साथ स्ट्रांग रूम के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।

पिछले कुछ दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों से ईवीएम बदलने की कई खबरें सामने आ रही हैं। 20 मई को बिहार में भी आरजेडी-कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सारण और महाराजगंज सीट के एक स्ट्रांग रूम में घुसने की कोशिश कर रहे ईवीएम से भरे एक ट्रक को पकड़ा और उसे अंदर नहीं जाने दिया। ऐसी घटनाओं से लोकसभा चुनाव के मतगणना से पहले ईवीएम बदलकर गड़बड़ी की आशंका बढ़ती जा रही है।

आरजेडी ने ईवीएम भरे ट्रक का फोटो ट्वीट करते हुए कहा है कि उस समय मौके पर इलाके के बीडीओ भी मौजूद थे, जो इस बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं दे पाए। फिलहाल उस ट्रक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रांग रूम के आसपास मंडरा रही ईवीएम से भरी एक गाड़ी, जो शायद अंदर घुसने के फ़िराक़ में थी उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ मे सदर BDO भी थे, जिनके पास कोई इस बात का कोई जवाब नहीं है।

ईवीएम गड़बड़ी के खिलाफ धरनारत लोग

इससे पहले उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज लोकसभा सीट एसपी-बीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार आफताब आलम ने स्ट्रांग रूम से ईवीएम बदलने का आरोप लगाया था। डुमरियागंज से बीएसपी के प्रत्याशी आफताब आलम का कहना था कि स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनें बदली गईं। उनका कहना था कि जब स्ट्रॉन्ग रूम सील किया जा चुका है तो प्रशासन किसकी अनुमति से ईवीएम इधर-उधर कर रहा है। इसको लेकर स्ट्रांग रूम के बाहर 14 मई को एसपी और बीएसपी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा भी किया था।

बीएसपी उम्मीदवार के मुताबिक स्ट्रांग रूम से ईवीएम से भरी दो गाड़ियों को निकालने की कोशिश की गई। इन दोनों गाड़ियों पर नंबर प्लेट भी नहीं लगे थे, जिसके बाद स्थानीय लोगों और गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम से लदी गाड़ियों को गेट पर रोक दिया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

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मीडिया के पहुंचने की खबर सुनकर जिला प्रशासन ने ईवीएम से भरी गाड़ियों को वापस अंदर भेज दिया। वहीं हरियाणा के फतेहाबाद से भी ऐसी ही खबरें आई थी। फतेहाबाद में ईवीएम स्ट्रांग रूम परिसर में एक संदिग्ध ट्रक पहुंच गया था, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। बताया गया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस ट्रक पर पहले से ही शक था और वो इसका पीछा पहले से ही कर रहे थे। खबर मिलते ही कांग्रेस के कई नेता मौके पर पहुंचे और कॉलेज परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों से ट्रक के बारे में जानकारी मांगी। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी भी वहां पहुंच गए। हंगामा बढ़ता देख अधिकारियों को संदिग्ध ट्रक को वहां से भेजन पड़ा।

जंगीपुर स्ट्रांग रुम में ताला तोड़कर ईवीएम मशीन से हेरफेर करने की कोशिश की गई, जिसके बाद अफजल अंसारी व ओमप्रकाश सिंह, सुभाष पासी हजारों लोग सहित बैठे धरने पर। उन लोगों ने आरोप लगाया कि चंदौली में शासन के दवाब में ईवीएम बदली जा रही है।

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