'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' की NRC और CAB को लेकर चेतावनी, कानून बना तो देश के कोने-कोने में जाकर करेंगे विरोध प्रदर्शन
दिल्ली के जंतर-मंतर पर यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के बैनर तले कई संगठनों का एनआरसी और नागरिक संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन, प्रदर्शनकारी बोले मरते दम तक करेंगे इसका विरोध....
जनज्वार। दिल्ली की जंतर मंतर में नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी के खिलाफ विभिन्न समूहों के बैनर तले आयोजित प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र एकजुट हुए। यूनाइटेड अगेंस्ट हेट नाम के गैर सरकारी संगठन ने यह प्रदर्शन आयोजित किया। प्रदर्शन में जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी समेत अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान जंतर-मंतर में छात्रों और अन्य लोगों ने नागरिक संशोधन विधेयक विधेयक को आग लगाते हुए इसे संविधान और लोकतंत्र विरोधी बताया, साथ ही कई छात्रों के हाथ में संविधान की प्रस्तावना लिखी हुई थी जिसमें भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्षता को बचाने का आह्रान किया गया था।
संबंधित खबर : नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में बहस जारी, कांग्रेस ने कहा- मोदी अगर पटेल से मिलेंगे तो वह काफी नाराज होंगे
नागरिक संशोधन बिल को लेकर मोहम्मद अहमद ने जनज्वार को बताया कि हम लोग नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं। ये कानून संविधान विरोधी होने के साथ-साथ भारत विरोधी है। ये कानून बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के खिलाफ है। हमारे स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरू, महात्मा गांधी जिन्होंने हमारे देश को आजादी दिलाई और एक लंबा संघर्ष किया, ये कानून उनके सपने को तोड़ता है। ये कानून पूरी तरह मुसलमानों के विरोध में है। आज ये मुस्लिम विरोधी कानून ला रहे कल हमारे एससी, एसटी समाज के जो दलित लोग हैं उनके लिए आरक्षण विरोधी विधेयक लेकर आएंगे। आज जो लोग आरक्षण का लाभ पा रहे हैं कल सरकार उसके खिलाफ भी कानून लेकर आ जाएगी।
यूनिस ने कहा, '70 साल पहले भी आरआरएस जो द्विराष्ट्र के सिद्धांत को मानती आई है। वह 70 साल पहले भी इस कानून को लेकर आई थी लेकिन हम लोगों ने इस विचारधारा और कानून का उस समय भी विरोध किया था और आज भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने इस विधेयक को लोकसभा में तो पास करवा दिया है लेकिन अगर इस कानून को राज्यसभा में पास करवा दिया जाता है तो हम देश के कोने-कोने में जाकर इस कानून का विरोध करेंगे। चाहे इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े लेकिन इस विधेयक का विरोध हम मरते दम तक करते रहेंगे। ये कानून हर चीज के खिलाफ है, संविधान - लोकतंत्र के खिलाफ है।
संबंधित खबर : विश्व मीडिया ने कहा मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए मोदी सरकार ला रही नागरिकता संशोधन बिल
यूनिस आगे कहते हैं, 'मोदी सरकार इतनी गिरी हुई सरकार है कि उसने अपने मुस्लिम विरोधी मानसिकता को इस कानून के जरिए उजागर कर दिया है। यूनिस आगे कहते हैं आज से 70 साल पहले हमारे बुजुर्गों ने इस विचारधारा को ठुकराया था लेकिन मोदी सरकार का अगर ये रवैया रहा तो हम ये कहने को मजबूर हो जाएंगे की द्विराष्ट्र सिद्धांत की जो सोच थी वो बिल्कुल सही थी।