Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

यूपी पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 108 सदस्यों को किया गिरफ्तार, बताया PFI का सदस्य

Vikash Rana
3 Feb 2020 3:52 PM IST
यूपी पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 108 सदस्यों को किया गिरफ्तार, बताया PFI का सदस्य
x

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हरीश चंद्र अवस्थी और अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉफेंन्स में पिछले चार दिनों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 108 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पॉपुलर फ्रंट के यह सभी लोग देश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे आंदोलनों से जुड़े हुए थे। इससे पहले भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 25 सदस्य को गिरफ्तार किया गया था।

तिरिक्त मुख्य गृह सचिव ने प्रेंस कॉफ्रेंस करते हुए कहा कि ये तो अभी शुरूआत है। हम इस संगठन की जड़ों तक जाएंगे। संगठन के वित्तीय जांच भी की जा रही है। हम लोग केंद्रीय जांच एजेसियों के संपर्क में है। और उनको भी पूरी जानकारी दी जा रही है। ऐसे संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने वाला यूपी पहला राज्य है।

संबंधित खबर:कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार 5 लोगों को बताया PFI का सदस्य, कहा योगी की यात्रा में डालना चाहते थे खलल

हीं पुलिस महानिदेशक हरीश चंद्र अवस्थी ने जांच का ब्यौरा देते हुए कहा कि लखनऊ में 14, मेरठ में 21, वाराणसी में 20, बहराइच में 16, सीतापुर में 3, गाजियाबाद से 9, मुजफ्फरपुर से 6, शामली से 7, बिजनौर से 4, कानपुर से 5 और गोंड़ा, हापुड़ और जौनपुर से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है।

साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की वित्तीय लेनदेन की भी जानकारी मिली है। जिसकी जांच प्रर्वतन निदेशालय द्वारा की जा रही है। हम लोग ईडी समेत अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ मिल कर जांच कर रहे है। आग की जानकारी जांच के बाद ही दी जा सकती है।

दिसंबर 2019 को यूपी पुलिस ने नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ राज्यव्यापी हिंसक विरोध में संगठन के शामिल होने के संदेह पर PFI पर प्रतिबंध लगा दिया था।

प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश प्रमुख वसीम अहमद समेत 16 सामाजिक कार्यकर्ता को लखनऊ में सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

संबंधित खबर:प्रवर्तन निदेशालय ने कुर्क की चंदा कोचर की 78 करोड़ की चल और अचल संपत्ति

मामले पर पूर्व आईपीएस एस आर दारापुरी ने कहा कि यूपी पुलिस तो शुरू से ही लोगों को गिरफ्तारियां करती आ रही है। वो भी बिना कोई सबूत दिखाए। गिरफ्तारियों में भी एक समुदाय के लोगों को निशाना बनााया जा रहा है। इससे पहले भी इन लोगों ने सिमी के लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया था।

भी अचानक इन लोगों को पीएफआई दिखाई दे रही इससे पहले ये लोग क्या कर रहे थे अगर पीएफआई की ऐसी कोई गतिविधियां थी। तो उस समय पुलिस क्या कर रही थी। इससे पहले भी यूपी पुलिस ने पीएफआई के ऊपर वित्तीय फंड को लेकर सवाल उठाए थे। जिसका जबाव उन लोगों ने दे दिया था कि किसी तरह का कोई फंड नहीं दिया जा रहा है। तो ऐसी गिरफ्तारियां होना केवल एक बदनाम करने वाली बात है।

गर यूपी पुलिस के पास कोई सबूत है तो उसको सामने लाए गिरफ्तारियां तो ये लोग करते ही रहते है। इससे पहले भी कई गिरफ्तारियां कर चुके है। गिरफ्तारियां करना या गिरफ्तारियां होना किसी भी समस्या का हल नही होता है। इनको सबूत देने चाहिए की ये सबूत है इन लोगों के खिलाफ इससे पहले भी ये लोग सिमी के साथ ऐसा करते थे। सिमी की लिस्ट उठाकर लोगों की गिरफ्तारियां शुरू कर देते थे।

सके अलावा ई़डी भी कई महीनों से केवल जांच कर रहा है। कोई सबूत नहीं दिखा पा रहा है। ये गिरफ्तारियां केवल लोगों को बदनाम करने के लिए की जा रही है। लेकिन जिन लोगों को गिरफ्तारियां की गई है। उनके खिलाफ पुलिस के पास किसी तरह के कोई सबूत नहीं है।

Next Story

विविध