Begin typing your search above and press return to search.
उत्तराखंड

घर पर बैठकर भूख हड़ताल करने की दी थी कॉल, उत्तराखंड पुलिस ने दर्ज कर दिया मुकदमा

Manish Kumar
27 April 2020 9:28 AM IST
घर पर बैठकर भूख हड़ताल करने की दी थी कॉल, उत्तराखंड पुलिस ने दर्ज कर दिया मुकदमा
x

सोशल मीडिया पर भूख हड़ताल को उकसाने के आरोप में पुलिस ने यह मुकदमा धारा 188, 269, 270 और आपदा प्रबंधन एक्ट 51 के तहत दर्ज किया है...

संजय रावत की रिपोर्ट

नैनीताल, जनज्वार। कोरोना वॉरियर्स की पहली पायदान में खड़ी उत्तराखण्ड पुलिस की एक और छवि सामने आई है, जहां सोशल मीडिया पर भूख हड़ताल के आह्वान पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया । ये वाकया है उत्तराखंड में नैनीताल जनपद की लालकुआं तहसील का।

सोशल मीडिया पर भूख हड़ताल को उकसाने के आरोप में पुलिस ने यह मुकदमा धारा 188, 269, 270 और आपदा प्रबंधन एक्ट 51 के तहत दर्ज किया है।

रअसल 23 अप्रैल को देश में विभिन्न जगहों पर फंसे हुए मजदूरों और छात्रों की संक्रमण की जांच कर उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने और सभी के लिए राशन और आर्थिक मदद की मांगों को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल की गई थी।

टनाक्रम के मुताबिक विभिन्न जगहों पर इन मांगों के समर्थन में कई लोगों ने सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक की भूख हड़ताल की। यह भूख हड़ताल लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर ही की, जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया।

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के बीच तिहाड़ जेल में बंद है गर्भवती महिला, दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत लगाया था आरोप

हैरानी की बात है कि पुलिस को यह काम सोशल मीडिया पर की गई कॉल पर उकसाने का लगा, जबकि देश भर में यह काम कई राज्यों में नेताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने जनहित में किया है ।

क्त धाराओं में यह मुकदमा महेश नामक छात्र नेता के ऊपर किया गया है जो 'परिवर्तनकामी छात्र संगठन' लालकुंआ इकाई के सचिव हैं ।

ससे पहले भी जिला उधमसिंह नगर पुलिस लॉक डाउन उलंघन के आरोप में 'इंकलाबी मजदूर केंद्र' के अध्यक्ष कैलाश भट्ट का उत्पीड़न कर चुकी है तथा 'पंतनगर ठेका मजदूर कल्याण समिति' के सचिव अभिलाख सिंह पर पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है ।

गौरतलब है परिवर्तनकामी छात्र संगठन लगातार लॉकडाउन के बाद से ही गरीब मजदूरों के बीच राशन वितरण का काम कर रहा था जहां उन्हें यह महसूस हुआ कि देश का गरीब मजदूर और छात्र बेहद परेशानी में है। सरकार का ध्यान इन मजदूरों और छात्रों पर भी पड़े, इस कारण यह भूख हड़ताल रखी गयी थी।

स पर हमने महेश से बात की तो उनका कहना था कि - हमने सोशल मीडिया पर अपने अपने घरों पर भूख हड़ताल का आव्हान किया था जिसके बाद देहरादून और लालकुआं से फोन पर कार्यक्रम की जानकारी चाही गई थी जो हमने दे दी । राज्य और राज्य के बाहर भी शासन प्रशासन की नीतियों के खिलाफ लोगों ने अपने अपने घरों में बैठ भूख हड़ताल की, जिसके बाद मेरे ऊपर निषेधाज्ञा उलंघन का मुकदमा दर्ज किया गया ।

यह भी पढ़ें- तबलीगी जमात के प्रमुख मौलान साद का हुआ कोरोना टेस्ट, जानें क्या कहती है रिपोर्ट?

सी जानकारी के लिए हमने लालकुंआ थाना प्रभारी सुधीर कुमार से बात करनी चाही तो, कॉल रिसीव ना होने के कारण उनसे बात नहीं हो पाई ।

छास के केंद्रीय अध्यक्ष से बात करने पर उनका कहना था कि प्रगतिशील संगठनों पर पुलिस की दमनात्मक कार्यवाही नई बात नही है और कई संगठनों के कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस राजद्रोह तक के मुकदमे लगा चुकी है जिनकी जांच चल रही है । प.छा.स. की कॉल पर करीब 90 लोगों ने अपने अपने शहरों/घरों में भूख हड़ताल की और यह हड़ताल शासन प्रशासन की लापरवाहियों के खिलाफ विरोधस्वरूप थी ।

Next Story

विविध