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राजनीति

विनोद दुआ के फर्जी अकाउंट के प्रचारक हैं केजरीवाल और उनकी पत्नी

Janjwar Team
11 Oct 2017 2:24 PM GMT
विनोद दुआ के फर्जी अकाउंट के प्रचारक हैं केजरीवाल और उनकी पत्नी
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पत्रकारों के पैरोडी एकाउंटों को लेकर जनज्वार की स्पेशल सीरीज की दूसरी किश्त

'जन की बात' करने वाले विनोद दुआ के नाम का गलत इस्तेमाल कोई और नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल कर रहे हैं...

दिल्ली से स्वतंत्र कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

सोशल मीडिया में विनोद दुआ के नाम से फेक या पैरोडी अकाउंट बनाकर उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि ये इस्तेमाल कोई आम आदमी करे तो भी गलत है, लेकिन यदि उनके नाम से पैरोडी अकाउंट बना कर कोई पार्टी उसका इस्तेमाल अपना एजेंडा सेट करने के लिए करे तो ये बहुत ही गलत है।

अब बताते हैं कि दी वायर वाले 'जन की बात' करने वाले विनोद दुआ के नाम का गलत इस्तेमाल कोई और नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल कर रहे हैं।

दरअसल विनोद दुआ के नाम से बनाये गए पैरोडी अकाउंट से आम आदमी पार्टी की सरकार के पक्ष में और उसके एजेंडे को बढ़ाने के लिए ट्वीट किये जा रहे हैं और ऐसे ट्वीट को आप के सबसे बड़े नेता केजरीवाल ही नहीं, उनकी पत्नी के नाम से बने ट्विटर हैंडल से भी रीट्वीट किया जा रहा है। इसका सबूत देने के लिए हम खबर में दोनों पति पत्नी द्वारा किये गए पैरोडी अकॉउंट के ट्वीट रीट्वीट के स्क्रीनशॉट साथ में लगा रहे हैं।

विनोद दुआ के नाम से बने पैरोडी अकाउंट से एक ट्वीट किया गया, जो कि ये था कि 'जनता को सरकार उल्लू बना रही है केंद्र सरकार ने दिल्ली में 2 रुपए पेट्रोल का दाम घटा कर मेट्रो का किराया 10 रुपए बढ़ा दिया। जनता पागल है?'

इस ट्वीट को पहले अरविन्द केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया। इसके बाद उनकी पत्नी के ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट रीट्वीट किया गया। आईआईटी से इंजीनियर बने फिर इंजीनियर से सीएम बने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इतनी तो समझ होगी ही की वो जिस ट्विटर हैंडल के ट्वीट रीट्वीट कर रहे हैं वह अकाउंट फेक है या असली है। फिर क्यों वो ऐसे ट्विटर हैंडल के ट्वीट रीट्वीट कर रहे हैं?

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दरअसल इसके पीछे उनका एजेंडा साफ़ नज़र आता है कि पत्रकार के नाम से फ़र्ज़ी बने अकाउंट से पार्टी व सरकार के पक्ष में ट्वीट करवाया जाये और फिर उस पक्ष में किये गए ट्वीट को रीट्वीट कर दिया जाए जिसे लोगो में ये मैसेज जाये कि पत्रकार भी आप की सरकार के काम की सराहना कर रहे हैं।

ऐसा हम सिर्फ विनोद दुआ के जाम से बने ट्विटर से किये गए एक ट्वीट को रीट्वीट करने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि दिल्ली के सीएम ने इस अकाउंट से उनके पक्ष में किये गए कई ट्वीट को रीट्वीट किया है जो नीचे बताये जा रहे हैं।

4 अक्टूबर को विवाद दुआ के पैरोडी अकाउंट से किये गए ट्वीट का सीएम केजरीवाल ने रीट्वीट किया जो ट्वीट इस प्रकार है— 'दिल्ली के चुनी हुई सरकार जनता के अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है. गेस्ट टीचर्स को पक्का करना भी असंवैधानिक है क्या? हक़ की बात न करे।' इस ट्वीट में कही की बात से खुद अंदाजा लगाइये कि ये ट्वीट किसके पक्ष में और किसका एजेंडा सेट करने के लिए किया गया है।

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दूसरा ट्वीट विनोद दुआ के अकाउंट से जो किया गया है वो ये है 'दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब, गेस्ट टीचरों को मिलने वाली स्थाई नौकरी में रुकावट पैदा करके क्या हासिल करना चाहते हैं।' इस ट्वीट को भी अरविन्द केजरीवाल ने अपने अकाउंट से रीट्वीट किया है।

एक और ट्वीट जो 1 अक्टूबर को विनोद दुआ के पैरोडी अकाउंट से किया गया है, 'दिल्ली में 2 सरकारें हैं, एक दिल्ली चला रही है दूसरी देश चला रही है, एक महंगाई कम करवाने के लिए लड़ रही है। दूसरी महंगाई बढ़ाने के लिए।' इस ट्वीट को भी अरविन्द केजरवाल ने रीट्वीट किया है।

वैसे इस पैरोडी अकाउंट से बहुत से ट्वीट किये जाते हैं, लेकिन हम सिर्फ यहां उन ट्वीट की बात कर रहे हैं जिन ट्वीट को अरविन्द केजरीवाल और उनकी पत्नी द्वारा रीट्वीट किया गया है।

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इस अकाउंट की एक खासियत और है। एक तो इस अकाउंट पर साफ़—साफ़ लिखा है कि ये पैरोडी अकाउंट है, इसे गंभीरता से न लें। फिर भी दिल्ली के सीएम इस अकाउंट से किये गए ट्वीट रीट्वीट कर रहे हैं। दूसरा अभी तक इस अकाउंट से 102 ट्वीट किये गए हैं। और इस ट्वीटर अकाउंट के फालोवर 15 हज़ार से भी ज्यादा हैं। इसका मतलब या तो इसके फॉलोवर फेक हैं या इसके पुराने ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं।

अब हम ये आप पर छोड़ते हैं कि पैरोडी अकाउंट से किसी पार्टी के पक्ष में किये जा रहे ट्वीट को उस पार्टी का सबसे बड़ा नेता और एक राज्य का सीएम रीट्वीट करता है तो वो ठीक है या गलत।

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