किसान, मजदूर और छात्र यूनियन प्रतिनिधियों ने किया फेसबुक पर प्रदर्शन, कहा सरकार के दावे हवा हवाई
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार के दावे हवा हवाई हैं, हकीकत में कुुछ नहीं हो रहा है। किसानों को फसल की बिक्री में दिक्कत आ रही है। वह प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर दिलाना चाह रहे हैं...
जनज्वार ब्यूरो। पंजाब में किसान, मजदूरों व स्टूडेंट्स यूनियन ने एक साथ घरों की छतों पर खड़े होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंशिंग के नियम की पालना की। वह एक दूसरे से दूरी बना कर नारे लगाते रहे। भाकियू के प्रधान जोगेंद्र उगराना ने प्रदर्शनकारियों को फेसबुक से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार के सारे दावे सिर्फ कागजों पर है। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों को दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। अभी तक गेहूं के उठान की ओर ध्यान नहीं दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि मौसम लगातार खराब होता जा रहा है। बरसात का अंदेशा होने के बाद भी फसल खरीद के पुख्ता इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं। उन्होंने कई बार सरकार के सामने अपनी मांग रखी। लेकिन हर बार आश्वासन ही दिया जा रहा है। इस वक्त जब कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। उनकी कोशिश है कि सरकार के लिये कोई मुश्किल न की जाये। लेकिन जब वह परेशान हो रहे हैं तो उन्हें प्रदर्शन करने का रास्ता अपनाना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जम कर नारेबाजी की।
आज के इस प्रदर्शन में पंजाब के 16 अलग अलग संगठनों ने भाग लिया। इसमें भाकियू का उरगाना ग्रुप, किसान संघर्ष कमेटी, पंजाब खेत मजदूर जत्थेबंदी, नौजवान सभा लल्कार, नौजवान सभा पंजाब, पंजाब स्टेट रेडिकल स्टूडेंट यूनियन समेत कई संगठन शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से लोग अपनी दिक्कतों को लेकर घर से बाहर नहीं आ सकते। इस वजह से उन्हें छतों पर चढ़ कर प्रदर्शन करने पर मजदूर होना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताय कि यदि जल्दी ही उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो उन्हें आगे की रणनीति बनानी पड़ेगी। क्योंकि इस मुश्किल वक्त में वह चुप नहीं बैठ सकते हैं।
पंजाब स्टूडेंट यूनियन रंधावा के नेता रमन कालाजहार ने बताय कि गरीब लोग भूख से घरों में मर रहे हैं। सरकार का उनकी ओर काई ध्यान नहीं है। सरकार हर मार्चे पर फेल है। गरीबों तक राशन भेजा ही नहीं जा रह रहा है। उन्होंने कहा कि इस वक्त गरीब, मजदूर और किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। सरकार को इनकी ओर ध्यान देने के लिये कोई नीति बनानी चाहिये। यदि ऐसा नहीं होता तो उनका यह आंदोलन आगे भी होता रहेगा।