हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं मानेगी योगी सरकार, "वसूली" के लिये लायी अध्यादेश
CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से नुकसान की वसूली के लिए उनके पोस्टर शहर में लगाने पर पहले हाईकोर्ट के फैसले और फिर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से बैकफुट पर आई योगी सरकार ने आनन-फानन में एक अध्यादेश लाकर अपने कदम को कानूनी जामा पहना दिया है...
जनज्वार। संशोधित नागरिकता कानून CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से नुकसान की वसूली के लिए उनके पोस्टर शहर में लगाने पर पहले हाईकोर्ट के फैसले और फिर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से बैकफुट पर आई योगी सरकार ने आनन-फानन में एक अध्यादेश लाकर अपने कदम को कानूनी जामा पहना दिया है।
Uttar Pradesh cabinet has passed Recovery of Damage to Public Properties ordinance for recovery of damage during violent protests.
— ANI UP (@ANINewsUP) March 13, 2020
इस अध्यादेश में किसी आंदोलन, विरोध-प्रदर्शन, धरना आदि के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई किए जाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इस कानून को लागू करने की प्रक्रिया के बारे में जल्दी ही नियमावली भी बनाई जाएगी। खन्ना ने बताया कि नियमावली में नुकसान की भरपाई के लिए प्रक्रिया का उल्लेख होगा। जल्दी ही नियमावली भी कैबिनेट मंजूर करेगी।
संबंधित खबर : जिस सिरप को बच्चों को स्वस्थ होने लिए दिया था वह जहरीला निकला, 12 की मौत
उत्तर प्रदेश सरकार अब सीधे सुप्रीम कोर्ट से आर-पार के मूड में नजर आ रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में कथित तौर पर हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति के लिए उनके पोस्टर लगाने पर सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद अपने कदम को अब एक अध्यादेश के जरिये कानूनी जामा पहना दिया है। योगी सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार 13 मार्च को ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश-2020’ को मंजूरी दे दी।
संबंधित खबर : ज्योतिरादित्य सिंधिया की बढ़ी मुश्किलें, दस्तावेजों में हेरफेर कर जमीन बेचने का मामला
योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान राजनीतिक जुलूस, अवैध हड़ताल आदि के दौरान होने वाले नुकसान आदि के मद्देनजर कड़े कानून की आवश्यकता जताई थी, जिसमें वीडियोग्राफी के साथ क्षतिपूर्ति की भरपाई की व्यवस्था की बात थी। खन्ना ने कहा कि हाल के मामलों में इस तरह के कानून की आवश्यकता महसूस करते हुए सरकार ने आज यूपी रिकवरी फॉर डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।