ZEE मीडिया ने कहा- जमातियों ने पुलिस पर किया पथराव, पुलिस बोली- झूठ फैला रहे हो, डिलीट करो
जनज्वार। कोरोना के प्रकोप को देखकर लॉकडाउन किया गया तो हिंदू-मुसलमान को नफरत बाँटने वाला मीडिया सांस ले लेने की लिए तड़पने लगा! लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर निजामुद्दीन में के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाने का सांप्रदायिक एजेंडे मिल गया।
सांप्रदायिक मीडिया हर खबर को ऐसे प्रस्तुत कर रहा है जैसे कि कोरोना जैसी महामारी के जिम्मेदार पूरा मुस्लिम समाज ही है। तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले मुसलमानों को तो मानो आतंकी के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
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इसी का नमूना है जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड द्वारा लगाई गई ये खबर, जिसमें लिखा गया था- फिरोजाबाद में चार तब्लीगी जमाती पॉजिटिव, इन्हें लेने पहुंची मेडिकल टीम पर पथराव। इसका जवाब देते हुए फिरोजाबाद पुलिस ने लिखा- आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबर फैलाई जा रही है जबकि जनपद फिरोजाबाद में ना तो किसी मेडिकल टीम एवं ना ही एंबुलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव किया गया है आप अपने द्वारा किए गए ट्वीट को तत्काल डिलीट करें।
Here it is
Zee news spreading false news then the police warned them.
Later they deleted tweet. pic.twitter.com/KbkojJxYUf
— Aniket Anand (@AniketA98721028) April 6, 2020
इस मामले में तो मानो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोप को खारिज कर दिया और ज़ी मीडिया को ख़बर डिलीट करने पर मजबूर कर दिया लेकिन दिन भर टेलीविजन पर नफरत फैला रहे एंकरों का क्या इलाज है ? मुसलमानों को आतंकी बताकर महामारी के इस दौर में भी जहर उगलने वाले पत्रकारों का क्या इलाज है ? इन्हीं सवालों पर इस देश की सरकार को सोचना होगा और निष्पक्ष होते हुए तमाम दंगाई मीडिया पर कार्यवाही करनी होगी।